ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद एनसीपी नेता पिछले साल नवंबर से जेल में हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जमानत देने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। हालंकि सीबीआई ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा तीन जनवरी तक बढ़ाने का अनुरोध किया। वहीं हाई कोर्ट ने कहा कि वह सीबीआई की अर्जी पर बुधवार को सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की एकल पीठ ने 12 दिसंबर को मामले में 73 वर्षीय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता को जमानत दे दी, लेकिन कहा कि आदेश 10 दिनों के बाद प्रभावी होगा, क्योंकि सीबीआई ने इसे चुनौती देने के लिए समय मांगा था। जांच एजेंसी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी अपील दायर की, लेकिन याचिका पर सुनवाई जनवरी 2023 में ही होगी क्योंकि अदालत छुट्टी के चलते बंद है।
मंगलवार को सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने न्यायमूर्ति कार्णिक से पहले की रोक को तीन जनवरी तक बढ़ाने की मांग की। सिंह ने कहा, "इस अदालत ने जमानत दी थी। उच्च न्यायालय ने देशमुख को जमानत देते हुए कहा था कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े के बयान को छोड़कर, सीबीआई द्वारा रिकॉर्ड किए गए किसी भी बयान से संकेत नहीं मिलता है।"
देशमुख के वकील अनिकेत निकम ने इसका विरोध किया और कहा कि शीर्ष अदालत में एक अवकाश रजिस्ट्रार उपलब्ध है। न्यायमूर्ति कार्णिक ने तब कहा था कि अदालत बुधवार को सीबीआई के आवेदन (स्टे की अवधि बढ़ाने की मांग) पर सुनवाई करेगी।