भारत ने मंगलवार को चीन के इस तर्क को खारिज कर दिया कि अरुणाचल प्रदेश चीनी क्षेत्र का हिस्सा है और कहा कि ऐसे दावों से वास्तविकता नहीं बदलेगी कि राज्य देश का हिस्सा है। गौरतलब है कि चीन रणनीतिक पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है। चीन अरुणाचल प्रदेश को "ज़ंगनान" या दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा करता रहा है।
चीन परंपरागत रूप से शीर्ष भारतीय नेताओं के क्षेत्र के दौरों पर नाराजगी जताता है लेकिन ऐसी प्रतिक्रियाओं को आमतौर पर नई दिल्ली द्वारा नजरअंदाज कर दिया जाता है। भारत ने कहा, “हम प्रधानमंत्री की अरुणाचल प्रदेश यात्रा के संबंध में चीनी पक्ष द्वारा की गई टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं।" विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि भारतीय नेता समय-समय पर अरुणाचल प्रदेश का दौरा करते हैं, जैसे वे भारत के अन्य राज्यों का दौरा करते हैं।
उन्होंने कहा, "ऐसी यात्राओं या भारत की विकासात्मक परियोजनाओं पर आपत्ति करना उचित नहीं है। इसके अलावा, यह इस वास्तविकता को नहीं बदलेगा कि अरुणाचल प्रदेश राज्य भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।" जयसवाल ने कहा कि चीनी पक्ष को कई मौकों पर "इस सुसंगत स्थिति से अवगत कराया गया है।"
सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सेला सुरंग और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश में मोदी की यात्रा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि "ज़ंगनान का क्षेत्र चीनी क्षेत्र है" और चीनी सरकार ने अरुणाचल प्रदेश को "कभी मान्यता नहीं दी है।"