असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई पर पाकिस्तान यात्रा को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। सरमा ने दावा किया है कि गोगोई को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने ट्रेनिंग के लिए आमंत्रित किया था और वे इस निमंत्रण पर पाकिस्तान गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास इस यात्रा के दस्तावेजी सबूत मौजूद हैं, जिन्हें वे जल्द ही सार्वजनिक करेंगे। इस मामले को लेकर उन्होंने कांग्रेस से भी आग्रह किया है कि गोगोई को आतंकवाद विरोधी प्रतिनिधिमंडल से हटा दिया जाए।
हिमंता सरमा ने आरोप लगाया कि गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ के पाकिस्तान स्थित एक एनजीओ से भी संबंध हैं, जिसका ताल्लुक कथित तौर पर ISI से है। सरमा ने कहा कि गोगोई ने कभी पाकिस्तान की आलोचना नहीं की, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठता है। उन्होंने गोगोई की पाकिस्तान यात्रा और उनके परिवार के संबंधों को लेकर कांग्रेस पार्टी को भी कटघरे में खड़ा किया है। उनका कहना है कि यह सब राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
वहीं, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है। उन्होंने हिमंता सरमा पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया और कहा कि ये सब आरोप "बेतुके और निराधार" हैं। गौरव गोगोई ने सरमा को "500 रुपये के बीजेपी ट्रोल" कहा और कहा कि उन्हें तथ्यों के साथ सामने आना चाहिए, न कि अफवाहें फैलानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उनकी राजनीतिक यात्रा में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं।
यह विवाद असम विधानसभा चुनाव 2026 के पहले राजनीतिक माहौल को और गर्मा सकता है। दोनों पक्ष अपने-अपने बयान देते हुए जनता के बीच अपनी छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस ने इस मामले में सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए इसे विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने की रणनीति बताया है। वहीं, बीजेपी की ओर से इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मसला बताया जा रहा है।
इस पूरी घटना ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है और आने वाले समय में इसे लेकर और बयानबाजी की संभावना बनी हुई है। इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप से असम की सियासत में नया मोड़ आ सकता है, जो विधानसभा चुनावों पर भी असर डाल सकता है।