कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की विफलता की वजह से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कुल 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया है। खड़गे ने एक्स पर लिखा, “इस 'विदेश नीति की आपदा' को आप 70 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस के मत्थे नहीं मढ़ सकते।”
उन्होंने कहा कि ट्रंप के इस कदम की जानकारी पहले से थी, लेकिन सरकार ने बजट में कृषि, लघु उद्योगों और अन्य ज़रूरी क्षेत्रों को संरक्षित करने की कोई तैयारी नहीं की। उन्होंने तंज कसा कि प्रधानमंत्री तब भी चुप रहे जब ट्रंप ने कम से कम 30 बार भारत-पाकिस्तान के बीच हुई शांति पहल का श्रेय खुद को दिया।
खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी BRICS सम्मेलन में भी ट्रंप के बयानों पर सिर्फ मुस्कराते रहे, जबकि ट्रंप ने मंच से BRICS को "मृत" कह दिया था। उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों से भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर बातचीत के नाम पर सरकार ने खूब प्रचार किया, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।
उन्होंने दावा किया कि भारत से अमेरिका को होने वाला निर्यात करीब ₹7.51 लाख करोड़ का है। यदि 50 प्रतिशत शुल्क लागू हो गया तो इसका असर ₹3.75 लाख करोड़ पर पड़ेगा, जिससे एमएसएमई, कृषि, डेयरी, इंजीनियरिंग, कपड़ा, रत्न-आभूषण और दवा उद्योग बुरी तरह प्रभावित होंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह निर्णय भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और गुटनिरपेक्ष नीति पर भी चोट है, और सरकार को यह समझना होगा कि जब कोई राष्ट्र ऐसी नीति के लिए सज़ा देता है, तो वह भारत की संप्रभुता पर हमला है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि भारत किसानों के हितों की रक्षा के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है। उन्होंने दोहराया कि सरकार अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी सेक्टर के साथ खड़ी है।
ट्रंप ने भारत पर पहले ही 25 प्रतिशत शुल्क लगाया था, जिसे अब और 25 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। यह वृद्धि रूस से भारत के तेल आयात को लेकर की गई है, जिसे ट्रंप ने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया।
कांग्रेस और विपक्ष के अन्य नेताओं ने सरकार पर अमेरिका के सामने नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया है और कहा है कि यह 'आर्थिक ब्लैकमेल' की स्थिति है।