कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चीन से लगी सीमा पर स्थिति पर संसद में बहस से ''भागने'' का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए न कि रक्षा मंत्री को।
विपक्षी दल ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधान मंत्री "चीन" शब्द का उच्चारण नहीं करते हैं और पूछा कि क्या सरकार उस देश के साथ "घनिष्ठ संबंधों" के कारण "चुप" थी।
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सेना के जवानों की झड़प के कुछ दिनों बाद सरकार पर हमला हुआ।
भारत जोड़ो यात्रा के सुबह के चरण के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी 1988 में चीन गए थे, "जब हम सीमाओं पर मजबूत थे और उस यात्रा के बाद द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए। लेकिन अप्रैल 2020 में यह सब खत्म हो गया और एक नया अध्याय खुल गया।"
रमेश ने दावा किया, ''प्रधानमंत्री ने उन्हें (चीन को) यह कहकर क्लीन चिट दे दी है कि 'कोई भी हमारे क्षेत्र में नहीं आया है और कोई भी हमारे क्षेत्र में नहीं है।' इस क्लीन चिट के कारण हमारी सौदेबाजी की स्थिति कम हो गई है।''
उन्होंने कहा कि संसद में बहस होनी चाहिए और प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए और विपक्ष से चर्चा करनी चाहिए। लोकसभा और राज्यसभा में बहस होनी चाहिए और जवाब प्रधानमंत्री को देना चाहिए न कि रक्षा मंत्री या विदेश मंत्री को। कई पूर्व प्रधानमंत्रियों ने संसद में जवाब दिया है। वह पहले प्रधानमंत्री हैं जो भाग गए।"