ओडिशा में विपक्षी कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह ‘तुलसी यात्रा’ निकालेगी, जिसमें राज्य के 314 प्रखंडों में घरों से तुलसी के पत्ते एकत्र किए जाएंगे और पुरी स्थित 12वीं सदी के मंदिर में कथित कुप्रबंधन के विरोध स्वरूप भगवान जगन्नाथ को चढ़ाये जाएंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शरत पटनायक ने कहा कि शुक्रवार को मंदिर में भारी भीड़ के कारण 10 श्रद्धालुओं के बेहोश होने की घटना के कुछ घंटे बाद यह निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा कि साल में इस समय बड़ी संख्या में लोग मंदिर आते हैं क्योंकि यह ‘कार्तिक’ का पवित्र महीना है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को मंदिर में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि प्रशासन ने चार में से तीन द्वार बंद कर दिए हैं और केवल ‘सिंह द्वार’ से प्रवेश की अनुमति है।
पटनायक ने कहा, ‘‘हम भगदड़ जैसी बड़ी दुर्घटनाओं से बचने के लिए सभी द्वार खोलने की मांग करते हैं, क्योंकि कार्तिक के आखिरी पांच दिनों – ‘पंचुका’ के दौरान अधिक श्रद्धालु मंदिर आएंगे।’’ उन्होंने कहा कि तुलसी ‘यात्रा’ की तारीख जल्द ही तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 314 प्रखंडों में घरों से तुलसी के पत्ते एकत्र किए जाएंगे तथा उन्हें यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में लाया जाएगा और वहां से पवित्र पत्तों को पुरी ले जाया जाएगा एवं भगवान जगन्नाथ को चढ़ाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष इस कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे और इसमें आम जनजीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया जाएगा।
पटनायक ने कहा कि उनकी पार्टी मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं और उसके ‘रत्न भंडार’ में खजाने की सुरक्षा को लेकर चिंतित है, जो 1978 से बंद है।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक रंजन कुमार दास ने कहा कि धरोहर गलियारा परियोजना के लिए चल रहे काम के कारण मंदिर के तीन द्वार बंद हैं। इस पर कांग्रेस नेता ने कहा कि परियोजना के काम के लिए इंतजार किया जा सकता है, लेकिन कार्तिक के पवित्र महीने के लिए नहीं।