दिल्ली की एक अदालत ने धनशोधन मामले में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत पर सुनवाई की कार्यवाही पर सोमवार को रोक लगा दी। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार गुप्ता ने मामले को दूसरे न्यायाधीश को स्थानांतरित करने की मांग को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक आवेदन पर जैन और अन्य सह-आरोपियों को नोटिस जारी करते हुए निर्देश पारित किए।
न्यायाधीश ने प्रतिवादियों को 30 सितंबर तक ईडी की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और अगले आदेश तक विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी।
जांच एजेंसी ने मामले को विशेष न्यायाधीश गोयल से किसी अन्य न्यायाधीश को स्थानांतरित करने की मांग की है।नएजेंसी ने अपनी याचिका में विशेष न्यायाधीश द्वारा सुनवाई की जा रही जमानत दलीलों से संबंधित कुछ तर्क दिए हैं।
गोयल ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन और अन्य दो सह-आरोपियों अंकुश जैन और वैभव जैन की जमानत याचिकाओं पर लंबी दलीलें सुनते हुए पिछली कुछ सुनवाई में मामले की जांच को लेकर एजेंसी की खिंचाई की थी। तीनों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी ने सत्येंद्र जैन और दो अन्य को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में आप नेता के खिलाफ दर्ज सीबीआई प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके तहत उन पर कथित रूप से जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धन शोधन करने का आरोप लगाया गया था।
विशेष न्यायाधीश गोयल ने इससे पहले ईडी द्वारा आबकारी नीति मामले में सत्येंद्र जैन से पूछताछ करने की अनुमति मांगी थी, जिसके बाद एजेंसी ने 16 सितंबर को जेल के अंदर जैन से पूछताछ की। हाल ही में अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी और चार फर्मों सहित आठ अन्य के खिलाफ ईडी द्वारा दायर अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) का भी संज्ञान लिया।