कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि नोटबंदी स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी संगठित लूट है और 2016 के कदम पर मोदी सरकार से एक श्वेत पत्र की मांग की।
कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने यहां एआईसीसी मुख्यालय में नोटबंदी की छठी वर्षगांठ पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह घोषणा कर सभी को चौंका दिया था कि 2016 में इस दिन 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया गया था और इस फैसले को लागू किया गया था।
उन्होंने कहा, "स्वतंत्र भारत की "सबसे बड़ी संगठित लूट" को आज छह साल हो गए हैं।" उन्होंने कहा कि आज प्रचलन में नकदी 30.88 लाख करोड़ रुपये है, जबकि नवंबर 2016 में यह महज 17.97 लाख करोड़ रुपये थी।
वल्लभ ने कहा, "नोटबंदी के घोषित उद्देश्यों में से एक डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना था क्योंकि सरकार को लगा कि बहुत अधिक नकदी चलन में है। नकदी में तेज उछाल ने सरकार के उस उद्देश्य को स्पष्ट रूप से नष्ट कर दिया है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि काला धन नहीं आया, केवल गरीबी आई और अर्थव्यवस्था कमजोर हुई, कैशलेस नहीं।