आरजी कर अस्पताल में एक चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या मामले में दो प्रमुख संदिग्धों को जमानत मिलने के एक दिन बाद वामपंथी दलों और कांग्रेस ने शनिवार को यहां विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया तथा आरोप लगाया कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मामले में न्याय दिलाने में "विफल" रहा है।
विपक्षी दलों ने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भाजपा नीत केंद्र के बीच "मौन सहमति" है।
कांग्रेस ने दक्षिणी कोलकाता के रवींद्र सदन क्षेत्र से निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय तक रैली निकाली और मामले में दो आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने में कथित रूप से असमर्थ रहने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी की आलोचना की।
पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निजाम पैलेस में प्रवेश करने से रोक दिया, जिसके कारण प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई।
'वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट' (डब्ल्यूबीजेडीएफ) द्वारा करुणामयी से लेकर साल्ट लेक क्षेत्र में सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय तक आयोजित एक रैली में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें एक किलोमीटर की दूरी तय की गई।
कनिष्ठ चिकित्सकों के मंच ने नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में सभी "षड्यंत्रकारियों" के खिलाफ "केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आरोप तय करने में देरी" के विरोध में मार्च का आयोजन किया था।
मृतक चिकित्सक के माता-पिता भी रैली में शामिल हुए।
मृतक चिकित्सक की मां ने कहा, "हम न्याय के लिए लड़ेंगे और यह हमारा अधिकार है।"
एसयूसीआई कार्यकर्ताओं ने साल्ट लेक स्थित करुणामयी से सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक मार्च निकाला जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र शाखा एसएफआई ने शहर के उत्तरी हिस्से में कॉलेज स्ट्रीट इलाके में एक रैली निकाली।
कोलकाता की सियालदह अदालत ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और ताला पुलिस थाने के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक के बलात्कार और हत्या मामले में जमानत दे दी थी।
सीबीआई द्वारा अनिवार्य 90 दिन की अवधि के भीतर उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर करने में "विफल" रहने के बाद उन्हें जमानत दी गई थी।