Advertisement

कोविड-19 ने ली इंदौर के डॉक्टर की जान, संक्रमण से डॉक्टर की मौत का देश में पहला मामला

कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इंदौर के डॉ. शत्रुघ्न पंजवानी की गुरुवार को तड़के मौत हो गई। देश में...
कोविड-19 ने ली इंदौर के डॉक्टर की जान, संक्रमण से डॉक्टर की मौत का देश में पहला मामला

कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण इंदौर के डॉ. शत्रुघ्न पंजवानी की गुरुवार को तड़के मौत हो गई। देश में संक्रमण के कारण मरने वाले वह पहले डॉक्टर हैं। हालांकि वे कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज नहीं कर रहे थे। 62 वर्षीय  इस जनरल फिजीशियन के मरीजों में झुग्गी बस्तियों के गरीबों की संख्या सबसे ज्यादा थी। उनके करीबियों का कहना है कि  उन्हें डायबिटीज और हाइपरटेंशन  की बीमारी थी  और कुछ दिनों से उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश का इंदौर कोरोनावायरस के संक्रमण का हॉटस्पॉट बना हुआ है। यहां अब तक 170 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं।

डॉ. पंजवानी की मौत से यह सवाल उठने लगा है कि क्या उनके इलाज में किसी तरह की लापरवाही बरती गई। डॉक्टर की मौत के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करके कहा कि कुछ लोग अफवाह फैला रहा हैं कि कुछ अधिकारियों के इलाज में ज्यादा तवज्जो दी जा रही है और बाकी मरीजों का सही से इलाज नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का हर व्यक्ति एक समान है।

सीएम के ट्वीट को डॉक्टर से जोड़कर सवाल पूछा

इसके तुरंत बाद ट्विटर यूजर मोना मखीजा ने सवाल उठाया कि आपका आशय डॉ. पंजवानी से तो नहीं है। सीएम ने इस पर तो कोई जवाब नहीं दिया लेकिन उन्होंने चेतावनी अवश्य दी कि असामाजिक तत्व अफवाहें फैला रहे हैं। किसी की मौत की झूठी खबर तक फैलाई जा रही है। कृपया अफवाहें न फैलाएं। यह प्रदेश और देश के लिए कतई ठीक नहीं है।

ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं डॉक्टर के बेटे और पत्नी

इंदौर के श्री अरबिंदो हॉस्पीटल में महज चार दिन पहले भर्ती कराए गए डॉ. पंजवानी की कोरोना वायरस से डॉक्टर समुदाय सकते में हैं। डॉ. पंजवानी को इलाज के लिए चार दिन पहले भर्ती कराया गया था। अस्पताल में जांच होने पर उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण होने की पुष्टि हुई थी। वे अपने पीछे अपनी पत्नी और तीन बेटों को छोड़ गए जो ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं।

डॉ. पंजवानी के मरीजों में गरीब सबसे ज्यादा थे

उनके साथी डॉ. डी. नटवर ने कहा कि डॉ. पंजवानी के मरीजों में ज्यादातर झुग्गी बस्तियों के रहने वाले थे। उनके एक रिश्तेदार ने बताया कि उनके ज्यादातर मरीज निम्न आय वर्ग के थे। हालांकि वे कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों का इलाज नहीं कर रहे थे। अगर किसी मरीज को फीस देने में कोई परेशानी हो तो डॉ. पंजवानी प्रायः अपनी फीस छोड़ देते थे।

इंदौर अभी तक 173 कोरोना मरीज हैं और 22 लोगों की इसके के कारण मौत हो चुकी है। इस बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कोरोना मरीजों के ज्यादा मामले वाले शहरों इंदौर, भोपाल और उज्जैन में हॉटस्पॉट की पहचान करके सील करने का आदेश दिया है ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad