प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली जल बोर्ड की निविदा प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में एक सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता और एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया गया है। संघीय एजेंसी ने इस मामले में पिछले साल जुलाई में छापेमारी की थी।
ईडी डीजेबी की निविदा प्रक्रिया में अनियमितताओं के दो अलग-अलग मामलों में जांच कर रहा है और इसका आपराधिक मामला सीबीआई की एक प्राथमिकी और दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) से जुड़ा है।
सीबीआई की एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि डीजेबी के अधिकारियों ने एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड के अधिकारियों की मिलीभगत से इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक फ्लो मीटर की आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग के लिए कंपनी को टेंडर देते समय एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को "अनुचित लाभ" दिया।
दूसरा आरोप नवंबर, 2022 की एसीबी शिकायत से संबंधित है, जहां यह कहा गया था कि डीजेबी ने उपभोक्ताओं को बिल भुगतान की सुविधा के लिए अपने विभिन्न कार्यालयों में ऑटोमोटिव बिल भुगतान संग्रह मशीनें (कियोस्क) स्थापित करने के लिए एक निविदा प्रदान की थी।