छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर अपना हमला तेज करते हुए जांच एजेंसी पर अपनी हद पार करने और राज्य में लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया।
बघेल ने यहां पुलिस लाइन में हेलीपैड पर पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि एजेंसी जांच के नाम पर लोगों को प्रताड़ित और प्रताड़ित कर रही है और इस कार्रवाई को 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया।
मुख्यमंत्री की टिप्पणी के एक दिन बाद उन्होंने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में ईडी पर हमला करने और लोगों को डराने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा। ईडी ने हाल ही में खनन ट्रांसपोर्टरों से कथित जबरन वसूली से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और दो कोयला व्यापारियों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था।
ईडी की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा, ''यह बहुत गलत है। वे अपनी सीमा से परे कार्य कर रहे हैं। ऐसी जानकारी है कि लोगों को डंडों से पीटा गया, पीने के लिए पानी नहीं दिया गया, बैठने नहीं दिया गया (कई घंटों तक) और यहां तक कि सोने भी नहीं दिया गया..."
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि कोई भी सरकार या अदालत इस तरह के अमानवीय व्यवहार की अनुमति देगी। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि एजेंसी ने अपनी हदें पार कर दी हैं।"
मुख्यमंत्री ने रविवार को ट्वीट कर कहा था कि राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ईडी के ''अवैध'' कार्यों के बारे में केंद्र सरकार को सूचित करें। कानूनी रूप से होने वाली जांच में सहयोग का आश्वासन देते हुए बघेल ने चेतावनी दी थी कि अगर राज्य सरकार को प्रताड़ना या उत्पीड़न की शिकायत मिलती है, तो वह कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी।