राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनका नाम बिहार की वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में EPIC नंबर (RAB2916120) दर्ज कर उसका रिकॉर्ड दिखाने की कोशिश की, लेकिन वह नंबर “No records found” दिखा। तेजस्वी ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और कहा कि अगर उनका नाम नहीं है तो वे चुनाव भी नहीं लड़ सकते।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि राज्य में 65 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। लेकिन चुनाव आयोग (ECI) ने उनके इस दावे को झूठा बताया और कहा कि तेजस्वी का असली EPIC नंबर RAB0456228 है, जो वर्ष 2020 में भी दर्ज था और वर्तमान ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में भी मौजूद है। वह नाम मतदान केंद्र 204 पर क्रम संख्या 416 पर दर्ज है।
पटना डीएम और चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी द्वारा बताए गए EPIC नंबर RAB2916120 को कभी अधिकृत रूप से जारी ही नहीं किया गया था। आयोग ने इसे फर्जी नंबर मानते हुए जांच शुरू कर दी है और फोरजरी की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है। भाजपा ने तेजस्वी पर पलटवार करते हुए कहा कि दो EPIC नंबर होना खुद में गैरकानूनी है और सवाल खड़ा करता है कि क्या जानबूझकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।
वहीं, RJD का कहना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद तेजस्वी के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की ओर से उनके EPIC नंबर को बदल दिया गया है, लेकिन चुनाव आयोग का कहना है कि EPIC नंबर बाहरी दबाव में नहीं बदले जाते और पूरी प्रणाली पारदर्शी है।
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि बिहार में 90 हजार से अधिक बूथों पर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर अभी तक किसी भी बूथ से कोई औपचारिक आपत्ति नहीं मिली है। इससे स्पष्ट होता है कि तेजस्वी का दावा सिर्फ राजनीतिक स्टंट हो सकता है। फिलहाल आयोग मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच में जुट गया है और आने वाले दिनों में सच्चाई सामने लाने का भरोसा दिलाया है।