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राहुल गांधी के 'वोट चोरी' आरोप पर चुनाव आयोग का कड़ा रुख, "शपथपत्र दें या माफी मांगे"

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग (ECI) पर 'वोट चोरी' के आरोप लगाने के बाद आयोग ने कड़ा रुख...
राहुल गांधी के 'वोट चोरी' आरोप पर चुनाव आयोग का कड़ा रुख,

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग (ECI) पर 'वोट चोरी' के आरोप लगाने के बाद आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है।  मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने गांधी से सात दिनों के भीतर शपथपत्र प्रस्तुत करने या सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है।  उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर गांधी के आरोप 'बेबुनियाद और अमान्य' माने जाएंगे।  

राहुल गांधी ने महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में कथित धांधली का आरोप लगाया था, जिसमें उन्होंने 1,14,000 वोटों से हार का कारण सूची में गड़बड़ी को बताया।  उन्होंने आरोप लगाया कि सूची में डुप्लिकेट वोट, अवैध पते, और अन्य विसंगतियां पाई गईं।  

इस पर चुनाव आयोग ने गांधी से शपथपत्र की मांग की, लेकिन गांधी ने इसे अस्वीकार कर दिया।  उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही संसद में संविधान की शपथ ली है और आरोपों को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया है।  कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने भी आयोग की मांग को अनुचित बताया और कहा कि यह आयोग की जिम्मेदारी है कि वह इन आरोपों की जांच करे।  

वहीं, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आयोग की शपथपत्र की मांग को 'पूरी तरह से बेतुका' करार दिया और कहा कि यह आयोग की छवि बचाने का प्रयास है।  उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या आयोग ने पहले कभी ऐसे मामलों में शपथपत्र की मांग की है।  

इस विवाद के बीच, विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया है कि आयोग सत्तारूढ़ भाजपा के पक्ष में काम कर रहा है।  वहीं, भाजपा ने विपक्षी दलों के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि ये आरोप हार की निराशा का परिणाम हैं।  

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी हस्तक्षेप किया है और आयोग को आदेश दिया है कि वह 19 अगस्त तक 65 लाख मतदाताओं के नामों की सूची और उनके हटाने के कारण सार्वजनिक करे।  यह आदेश विपक्षी दलों के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है।  

अब देखना यह है कि चुनाव आयोग और राहुल गांधी के बीच यह विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है और आगामी बिहार विधानसभा चुनावों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है। 


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