पैसे लेकर सवाल पूछने वाले मामलें पर महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़तीं जा रहीं हैं। हालांकि सोमवार को विपक्षी दलों के नेताओं और सदस्यों ने कोई भी निर्णय लेने से पहले मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश वाली रिपोर्ट पर चर्चा की मांग की है। वहीं तृणमूल कांग्रेस संसद महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को कहा कि उन्हें यह पता नहीं कि कथित नगद लेकर सवाल पूछे जाने वाले मामले पर लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट संसद में पेश की भी जाएगी या फिर नहीं।
वहीं संसदीय सूत्रों के हवाले से यह खबर है कि महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने वाली आचार समिति की रिपोर्ट को संसद में पेश किया जा सकता है। भाजपा सदस्य मनोज सोनकर की अध्यक्षता में 9 नवंबर को रिपोर्ट को बनाया गया था। जिसमें नगद लेकर सवाल पूछने के आरोप में महुआ मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी। इसी बीच इस सप्ताह सदन के एजेंडे को अंतिम रूप देने से पहले ओम बिरला की अध्यक्षता में कार्य सलाहकार समिति की बैठक के दौरान विपक्षी सदस्यों ने मोइत्रा की निष्कासित वाली रिपोर्ट पर चर्चा की मांग की।
गौरतलब है कि कांग्रेस सदस्य परनीत कौर, जिन्हें पहले पार्टी से निलंबित कर दिया गया था, सहित पैनल के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया। वहीं विपक्षी दलों से संबंधित पैनल के चार सदस्यों ने असहमति नोट जारी किया है। विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट को "फिक्स्ड मैच" करार दिया और कहा कि भाजपा के लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे द्वारा दायर शिकायत, जिसकी पैनल ने समीक्षा की है , "किसी भी सबूत" द्वारा समर्थित नहीं थी। मोइत्रा को तभी निष्कासित किया जा सकता है जब सदन पैनल की सिफारिश के पक्ष में वोट करे।
बता दें कि संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए मोइत्रा ने कहा कि तृणमूल नेता सुदीप बंद्योपाध्याय तथा कांग्रेस नेता के के सुरेश और आरएसपी के प्रेमचंद्रन ने भी पीठासीन अधिकारी से पूछा कि आचार समिति की रिपोर्ट लोकसभा में क्यों नहीं पेश की गई लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया। मोइत्रा ने कहा कि जब रिपोर्ट पेश की जाएगी तब वह इस पर टिप्पणी करेंगी।
इस मुद्दे पर मोइत्रा का समर्थन करते हुए, झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माजी ने कहा, "उन्हें परेशान किया जा रहा है क्योंकि उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए हैं। एक महिला उम्मीदवार से जिस तरह के सवाल पूछे गए हैं, वे भी आपत्तिजनक हैं। इस मामले को बेवजह तूल दिया गया है। जहां तक आईपी एड्रेस और पासवर्ड की बात है तो ऐसे कोई नियम नहीं हैं, अगर नियम होते और वह उन्हें तोड़ती तो कार्रवाई की जा सकती थी।"
वहीं बीजेपी सांसद साधवी निरंजन ज्योति ने कहा कि जिस तरह से प्रश्नकाल के सेक्शन से खिलवाड़ किया गया है उस पर कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में सभी को बोलने की आजादी है लेकिन किसी के देश की गोपनीयता का उल्लंघन करना सही नहीं है।
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ और 22 दिसंबर तक चलने वाला है।