सोशल मीडिया को 21वीं शताब्दी का वरदान कहा जाता है।लेकिन अच्छाइयों के साथ इसकी कई खामियां भी हैं। देश के कुछ हिस्सों में चले रहे चुनावों के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एक बड़ा बयान दिया है। राजीव कुमार ने मंगलवार को कहा, "सोशल मीडिया की झुठी खबरें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को संभावित रूप से प्रभावित कर रही हैं।"
गौरतलब है कि सोशल मीडिया की झूठी खबरें अधिकांश चुनाव प्रबंधन निकायों के लिए तेजी से एक आम चुनौती के रूप में उभर रही हैं। बता दें कि जर्मन का एक प्रतिनिधिमंडल आयोग से मिलने के लिए भारत आया था जिसकी बैठक निर्वाचन सदन में हुई। यहां राजीव कुमार जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित कर रहे थे।
हालांकि राजीव कुमार ने भारतीय चुनावों के परिमाण पर एक सिंहावलोकन देते हुए, उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का विचार भारत के ऐतिहासिक संदर्भ और परंपराओं में गहराई से निहित है। वहीं दूसरी तरफ़, कुमार ने जर्मन प्रतिनिधिमंडल को 11 लाख मतदान केंद्रों पर 95 करोड़ से अधिक मतदाताओं को शामिल करने वाले विशाल अभ्यास के बारे में सूचित किया।
चुनाव आयोग के एक बयान के अनुसार, कुमार ने कहा कि तार्किक चुनौतियों के अलावा, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को संभावित रूप से प्रभावित करने वाले फर्जी सोशल मीडिया नैरेटिव का विघटनकारी प्रभाव तेजी से अधिकांश चुनाव प्रबंधन निकायों के लिए एक आम चुनौती के रूप में उभर रहा है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी चुनाव कराने के लिए एक मजबूत चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए एक करोड़ से अधिक मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग हर चरण में राजनीतिक दलों की भागीदारी सुनिश्चित करता है।
जर्मन विदेश मंत्री ने आयोग के साथ बातचीत करते हुए दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनौतियों को देखते हुए चुनाव आयोग द्वारा चुनावी प्रबंधन के व्यापक अभ्यास की सराहना की।