केरल में कन्नूर के जिला कलेक्टर अरुण के. विजयन ने शनिवार को कहा कि उन्होंने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) दिवंगत नवीन बाबू के विदाई समारोह का आयोजन नहीं किया था और इसलिए वह इस कार्यक्रम में किसी को आमंत्रित करने के लिए जिम्मेदार नहीं थे।
जिला कलेक्टर अरुण के विजयन ने उन आरोपों पर यह स्पष्टीकरण दिया है कि उन्होंने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पी पी दिव्या को नवीन बाबू के विदाई समारोह में आमंत्रित किया था, जहां उन्होंने (दिव्या) बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद नवीन बाबू ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
ऐसी जानकारी है कि दिव्या ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में दावा किया कि जिला कलेक्टर ने उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित किया था।
दिव्या पर बृहस्पतिवार को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया और देर रात को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने उन्हें कन्नूर जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटा दिया।
संवाददाताओं से बातचीत के दौरान विजयन ने कहा, ‘‘विदाई समारोह का आयोजन कलेक्टर नहीं करते हैं। इसका आयोजन 'स्टाफ काउंसिल' करती है और इसलिए उनसे पूछा जा सकता है कि दिव्या को आमंत्रित किया गया था या नहीं।’’
विजयन ने कहा कि उन्होंने कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया था, इसलिए उन्होंने किसी को आमंत्रित भी नहीं किया।
उन्होंने बाबू की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि 'कलेक्टरेट' में मौजूद हर व्यक्ति परिवार के दुख में शामिल है।
उन्होंने इस मुद्दे पर आगे कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि मामला अदालत में विचाराधीन है और पुलिस इसकी जांच कर रही है।
इस बीच, माकपा के पथनमथिट्टा जिले के नेता मलयालपुषा मोहनन ने दावा किया कि जिला कलेक्टर ने बाबू को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मजबूर किया, जबकि उन्होंने कहा था कि ऐसे किसी समारोह की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उनका सिर्फ तबादला किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कलेक्टर कुछ समय से बाबू के अवकाश के आवेदनों और तबादले के अनुरोधों में बाधा डाल रहे थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि जो कुछ हुआ उसके लिए कलेक्टर भी जिम्मेदार हैं। कांग्रेस समेत विपक्षी दल बाबू की मौत के सिलसिले में जिला कलेक्टर के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं।