पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पत्रकारों से अधिक ‘टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट’ (टीआरपी) के वास्ते समाचारों को सनसनीखेज नहीं बनाने का बुधवार को आग्रह किया और कहा कि ऐसी प्रवृत्तियां पत्रकारिता के मानकों के लिए नुकसानदायक साबित हुई हैं। कोविंद ने भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के 55वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मीडिया के सामने मौजूद फर्जी समाचार, पेड न्यूज, गलत सूचना और ‘डीपफेक’ जैसी चुनौतियों का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना पत्रकारों का कर्तव्य है कि नागरिकों को सही समाचार और जानकारी मिले। उन्होंने कहा, ‘‘आप पत्रकारिता की दुनिया में उस समय कदम रख रहे हैं जब तकनीक में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। प्रत्येक बदलाव अनेक सम्भावनाएं और चुनौतियां लेकर आता है। हमें नई तकनीक के दुरुपयोग से बचना होगा।’’ पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि अधिक टीआरपी के लिए मीडिया द्वारा खबरों को सनसनीखेज बनाना एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी प्रवृत्तियां पत्रकारिता के मानकों के लिए हानिकारक साबित हो रही हैं। मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आप ऐसी प्रवृत्तियों से दूर रहें और पत्रकारिता के मानकों को बनाये रखें।’’
टीआरपी एक ऐसा उपकरण है जिसके जरिये यह पता लगाया जाता है कि कौन सा कार्यक्रम या टीवी चैनल सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। दीक्षांत समारोह के दौरान दिल्ली और इसके ढेंकनाल, आइजोल, अमरावती, कोट्टायम और जम्मू केंद्रों से 2021-22 और 2022-23 बैच के आईआईएमसी छात्रों को स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्रमाणपत्र प्रदान किये गये। भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में आईआईएमसी के अध्यक्ष आर.जगन्नाथन, महानिदेशक अनुपमा भटनागर और संस्थान के सभी केंद्रों के संकाय सदस्य मौजूद थे।