पूर्व अमेरिकी पेंटागन अधिकारी माइकल रूबिन ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की तुलना उन्होंने 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल में हुए हमास हमले से की। रूबिन के अनुसार, पाकिस्तान वही रणनीति अपना रहा है जो हमास ने इजराइल में इस्तेमाल की थी। जिसमें एक खास धर्म और खासकर "उदारवादी" लोगों को निशाना बनाया गया।
रूबिन ने कहा, "यह ठीक वैसा ही हमला था जैसा 7 अक्तूबर 2023 को हमास द्वारा इजराइल पर किया गया था। जो विशेष रूप से उन यहूदियों के खिलाफ था। जो शांति और सामान्य संबंधों के पक्षधर थे।" उन्होंने आगे कहा, "अब पाकिस्तान वही तरीका अपना रहा है, जिसमें छुट्टियों पर आए हिंदू नागरिकों को निशाना बनाया गया है। यह पाकिस्तान के लिए उतना ही असफल होगा, जितना हमास के लिए था।"
रूबिन ने भारत को पाकिस्तान के खिलाफ इजराइल जैसी कार्रवाई करने की सलाह दी और कहा कि भारत को पाकिस्तान के आईएसआई नेतृत्व को खत्म करने का फैसला करना चाहिए। उन्होंने कहा, "अब भारत का कर्तव्य बनता है कि वह पाकिस्तान और उसके आईएसआई के नेतृत्व के साथ वही करे जो इजराइल ने हमास के साथ किया था। भारत को आईएसआई को एक आतंकवादी समूह के रूप में पहचानते हुए उसके नेतृत्व को खत्म कर देना चाहिए।"
पूर्व जम्मू और कश्मीर पुलिस प्रमुख शेश पॉल वैद ने भी इस हमले को "पुलवामा 2.0" बताते हुए कहा कि भारत को इजराइल की तरह जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमला, 7 अक्टूबर को इजराइल में हुए हमास के हमले जैसा था। वैद ने कहा, "यह हमला हमास-शैली का था। यह संयोग नहीं है कि पाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर ने कुछ दिन पहले ही अप्रासंगिक बयान दिए और उसके बाद ही यह हमला हुआ।"
इंटेलिजेंस सूत्रों ने भी बताया कि पिछले साल हमास के लड़ाकों ने कई बार पाकिस्तान की यात्रा की थी। हाल ही में हमास की एक टीम ने जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय बहावलपुर का दौरा किया था। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना के एक सैन्य केंद्र का भी दौरा किया था। जिसमें पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने पिछले महीने एक युद्धाभ्यास केंद्र का उद्घाटन किया था।
पहलगाम आतंकी हमलें में 28 लोगों की जान चली गई। यह हमला जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
चश्मदीदों के मुताबिक, छह आतंकवादी सेना की वर्दियों में आए थे। उन्होंने पहले पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और कलमा सुनाने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने बेहद पास से गोलियां चलाईं। यह हमला बैसारन के घास के मैदान में हुआ, जो पहलगाम से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर है और जहां पर्यटक पैदल या घोड़े से पहुंचते हैं।