बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में 4 जून 2025 को हुई भीषण भगदड़ की जांच पूरी हो चुकी है। कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जॉन माइकल डी’कुन्हा की एकल जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन, बेंगलुरु पुलिस और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हुई और 56 लोग घायल हो गए। यह हादसा आरसीबी की आईपीएल 2025 जीत के जश्न के दौरान हुआ।
रिपोर्ट के मुताबिक, आयोजकों ने बिना पुलिस की अनुमति के इस कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसके कारण सुरक्षा इंतजाम नाकाम रहे। स्टेडियम के अंदर केवल 79 पुलिसकर्मी थे, जबकि बाहर भी पुलिस बल और एम्बुलेंस की कमी थी। स्टेडियम की क्षमता केवल 33,000 थी, लेकिन लाखों लोग जश्न में शामिल होने पहुंचे। आरसीबी ने सोशल मीडिया पर मुफ्त पास की घोषणा की, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई। जांच में कहा गया कि सभी पक्षों ने लापरवाही बरती और आपसी तालमेल की कमी के कारण यह त्रासदी हुई।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सौंपी गई इस दो खंडों की रिपोर्ट में भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं। सरकार ने इस रिपोर्ट को 17 जुलाई को कैबिनेट बैठक में चर्चा के लिए रखने का फैसला किया है। हादसे के बाद आरसीबी, केएससीए और डीएनए के खिलाफ Cubbon Park Police Station में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें "कल्पेबल होमिसाइड" और "नेगलिजेंस" जैसे गंभीर आरोप लगाए गए।
इस मामले में कई पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया, जिनमें बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद भी शामिल हैं। आरसीबी ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और KSCA ने 5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की। कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी इस मामले में सुनवाई की और जांच को सीमित करने का आदेश दिया। यह हादसा एक सबक है कि बड़े आयोजनों में सुरक्षा और योजना का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।