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गगनयान मिशन: इसरो ने पहली एयर ड्रॉप टेस्ट में हासिल की सफलता

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गगनयान मिशन के लिए पैराशूट सिस्टम का पहला इंटीग्रेटेड एयर...
गगनयान मिशन: इसरो ने पहली एयर ड्रॉप टेस्ट में हासिल की सफलता

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गगनयान मिशन के लिए पैराशूट सिस्टम का पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01) सफलतापूर्वक कर लिया है। इस टेस्ट का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि भविष्य में अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित तरीके से धरती पर लौट सकें। यह परीक्षण इसरो ने भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के साथ मिलकर किया।

इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी देते हुए कहा कि गगनयान मिशन के लिए पैराशूट आधारित सिस्टम का पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट सफल रहा और यह कई एजेंसियों का संयुक्त प्रयास है। इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन ने बताया कि भारत का पहला मानवरहित गगनयान मिशन (G1) दिसंबर में लॉन्च होगा जिसमें अर्धमानव रोबोट व्योममित्रा को भी भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा कि अब तक गगनयान परियोजना के करीब 80 प्रतिशत यानी लगभग 7,700 टेस्ट पूरे हो चुके हैं और बाकी 2,300 टेस्ट मार्च तक पूरे कर लिए जाएंगे। इससे पहले केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि गगनयान के लिए नया ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) तैयार कर लिया गया है और उसकी ग्राउंड टेस्टिंग भी सफल रही है।

लोकसभा में दिए गए लिखित उत्तर में उन्होंने बताया था कि क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल के इंजन तैयार कर टेस्ट हो चुके हैं, क्रू एस्केप सिस्टम के पाँच मोटर बनाए और टेस्ट किए जा चुके हैं, गगनयान कंट्रोल सेंटर, ट्रेनिंग फैसिलिटी और लॉन्च पैड तैयार हो गए हैं, टेस्ट व्हीकल TV-D1 की उड़ान सफल रही है और अब TV-D2 व IADT-01 पर काम जारी है, साथ ही रिकवरी ऑपरेशन और नेटवर्क की तैयारी भी पूरी हो चुकी है।

पहले मानवरहित मिशन G1 के लिए ज़रूरी मोटर और मॉड्यूल भी तैयार कर लिए गए हैं। कुल मिलाकर गगनयान मिशन तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और भारत जल्द ही अंतरिक्ष में अपना पहला मानव मिशन भेजने की ओर बढ़ रहा है।

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