महाराष्ट्र में इस साल पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स दाखिलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण का कोटा नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि दाखिले की प्रकिया शुरू होने के बाद ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए जरूरी संविधान संसोधन किया गया है। एक बार प्रकिया शुरू होने के बाद नियम नहीं बदले जा सकते।
कोर्ट के कहा कि इस साल कोटा लागू करने के फैसले का असर 25 छात्रों पर पड़ेगा। दाखिला प्रक्रिया पिछले साल नवंबर में शुरू हुई जबकि ईडब्ल्यूएस आरक्षण जनवरी में लागू हुआ। महाराष्ट्र सरकार ने सात मार्च को इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया। दाखिला प्रक्रिया शुरू होने के बाद इसे लागू नहीं किया जा सकता। पीजी मेडिकल कोर्स में इसको लागू करने से पहले राज्य सरकार को सीटों की संख्या बढ़ानी चाहिए थी।
एनजीओ ने दायर की है याचिका
एक एनजीओ ने महाराष्ट्र में पीजी मेडिकल कोर्स के दाखिलों में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का विरोध किया है और इसे रद्द करने की मांग की है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में महाराष्ट्र सरकार से उसका पक्ष पूछा था। महाराष्ट्र सरकार ने ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत कोटा को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने की मांग की थी।
संविधान में किया गया है संसोधन
इसी साल जनवरी में केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीब लोगों के लिए संविधान में 124वां संशोधन कर आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान किया था। राज्यसभा में इस बिल पर करीब 10 घंटे तक बहस चली थी और भारी बहुमत से विधेयक पारित हुआ था। लोकसभा में भी इसके विरोध में केवल 3 वोट पड़े थे, जबकि समर्थन में 323 वोट। कानून लागू हो जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई 50 फीसदी आरक्षण की सीमा 60 फीसदी हो गई है।