जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं की वजह से 2017 में पिछले साल की तुलना में 166 फीसदी ज्यादा आम नागरिक मारे गए। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान 42 फीसदी की ज्यादा आतंकी मारे गए।
गृह मंत्रालय की बुधवार को जारी 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में 1990 में आतंकवाद का दौर शुरू होने के बाद से दिसंबर 2017 तक 13,976 नागरिकों और 5,123 सुरक्षाकर्मियों की जान गई है। 2017 में 2016 की तुलना में आतंकी घटनाओं में 6.21 फीसदी और इन घटनाओं में आम लोगों के मारे जाने की घटनाओं में 166.66 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
2017 में जम्मू-कश्मीर में 342 हिंसक वारदातें हुईं जिनमें 80 सुरक्षाकर्मी, 40 आम नागरिक और 213 आतंकी मारे गए। 2016 मे 322 घटनाएं हुईं थी जिनमें 82 सुरक्षाकर्मी, 15 आम नागरिक और 150 आतंकी मारे गए थे।रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने की संख्या में 2.44 फीसदी की कमी आई।
2016 में घुसपैठ के प्रयास की 371 घटनाएं हुईं थी जो 2017 में बढ़कर 406 हो गईं। इनमें से 139 प्रयास सफल हुए जबकि 2016 में सफल हुए प्रयासों की संख्या 119 थी।
रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से मिलकर सीमा पार से होने वाले घुसपैठ को रोकने के लिए कई प्रयास किए हैं। इसके तहत सीमा के ढांचे को मजबूत करने के अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर फौजों की तैनाती बढ़ाई गई है। मंत्रालय ने कहा है कि सरकार का प्रयास है कि सीमा पार से आतंकवाद को मदद को रोकने के लिए सभी सुरक्षा बलों के बीच समन्वय स्थापित रहे।