कोरोना काल के बीच संसद सत्र आज यानी सोमवार से शुरू हो गया है। 1 अक्टूबर तक चलने वाले मानसून सत्र ऐसे समय आयोजित हो रहा है जब देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। सत्र के कई नियमों में बदलाव भी किए गए है, जैसे कि सत्र में इस बार प्रशनकाल का न होना और सत्र को लगभग आधा कर देना।
सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर में कहा कि आज जब हमारी सेना के वीर जवान सीमा पर डटे हुए हैं, बड़ी हिम्मत, जज़्बे, बुलंद हौंसलों के साथ दुर्गम पहाड़ियों में डटे हुए हैं। जिस विश्वास के साथ वो खड़े हैं, मातृभूमि की रक्षा के लिए डटे हुए हैं ये सदन भी एक स्वर से संदेश देगा कि सेना के जवानों के पीछे देश खड़ा है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी जैसे मुश्किल समय में संसद का सत्र आहूत किया गया है। सांसदों ने अपना कर्तव्य निभाने का काम चुना है। मैं उन्हें बधाई देता हूं। इस बार राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही अलग-अलग समय पर होंगी। शनिवार और रविवार को भी संसद की कार्यवाही होगी। सभी सांसदों ने भी इसे स्वीकारा है।
बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार आधा दिन लोकसभा और आधा दिन राज्यसभा की कार्यवाही होगी। लोकसभा की कार्यवाही आज सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक जबकि राज्यसभा की दोपहर 3 से शाम 7 बजे तक चलेगी जबकि बाकी दिनों में राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पाली में सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक संचालित होगी, वहीं लोकसभा दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक बैठेगी।
बता दें कि इन 18 दिनों में रोज संसद की कार्यवाही होगी। शनिवार और रविवार को भी छुटी नहीं रहेगी, क्योंकि दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) की कार्यवाही की समय सीमा कम कर दी गई है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और मौजूदा तथा पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दिए जाने के साथ दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होगी। श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी जाएगी।
संसद परिसर में केवल उन लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी, जिनके पास कोविड-19 संक्रमण नहीं होने की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट होगी और लोगों का इस दौरान मास्क पहनना अनिवार्य होगा। सत्र के प्रारंभ से पहले सांसदों और संसद कर्मचारियों समेत 4,000 से अधिक लोगों की कोरोना जांच कराई गई है। इस बार ज्यादातर संसदीय कामकाज डिजिटल तरीके से होगा और पूरे परिसर को संक्रमणमुक्त बनाने के साथ ही दरवाजों को स्पर्शमुक्त बनाया गया है।
मानसून सत्र के 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक आयोजन के दौरान तय मानक परिचालन प्रक्रियाओं के अनुसार सांसदों, दोनों सदनों के सचिवालयों के कर्मियों तथा कार्यवाही कवर करने वाले मीडियाकर्मियों को कोविड-19 की जांच कराने को कहा गया था और यह जांच सत्र शुरू होने से 72 घंटे से अधिक पहले नहीं होनी चाहिए।
मानसून सत्र में भारत-चीन सीमा पर गतिरोध, कोरोनावायरस महामारी से निपटने और आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दे छाए रहने की संभावना है। विपक्षी पार्टियां इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराना चाहती हैं, वहीं सरकार की नजर करीब दो दर्जन विधेयकों को पारित कराने पर है।