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सिख विरोधी दंगे मामले में दोषी सज्जन कुमार ने किया सरेंडर, मंडोली जेल में रहेंगे

1984 दंगा मामले में दोषी ठहराए गए कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार ने सोमवार को आज कड़कड़डूमा कोर्ट में...
सिख विरोधी दंगे मामले में दोषी सज्जन कुमार ने किया सरेंडर, मंडोली जेल में रहेंगे

1984 दंगा मामले में दोषी ठहराए गए कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार ने सोमवार को आज कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। सज्जन कुमार के वकील ने बताया कि कोर्ट ने उसे मंडोली जेल भेज दिया है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि सुरक्षा कारणों से उनके मूवमेंट के लिए एक अलग वैन उपलब्ध कराई जाएगी। 

सज्जन कुमार ने दिल्ली हाई कोर्ट से सरेंडर की समय सीमा को बढ़ाने के लिए अनुरोध किया था, लेकिन उनके अनुरोध को कोर्ट ने खारिज कर दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को बीते 17 दिसंबर को दिल्ली कैंट इलाके में पांच सिखों की हत्या के लिए दोषी ठहराया था।

महेंद्र यादव और किशन खोखर कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे

सज्जन कुमार से पहले दो अन्य दोषी महेंद्र यादव और किशन खोखर कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे, जिन्हें अदालत ने जेल भेजने के आदेश भी दे दिए हैं। दोनों दोषियों को कोर्ट ने 10-10 साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा 1984 के दंगा पीड़ित परिवार कड़कड़डूमा कोर्ट के बाहर सज्जन कुमार के सरेंडर करने का इंतज़ार कर रहे हैं। सभी का कहना है कि वे अपनी आंखों के सामने सज्जन को जेल जाते हुए देखना चाहते हैं।

कोर्ट ने सज्जन कुमार को सुनाई थी उम्रकैद की सजा

हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को इस मामले में अपने जीवन की आखिरी सांस तक जेल में बिताने की सजा सुनाई है। इस मामले में फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को आत्मसमर्पण करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया था, जोकि सोमवार को यानी आज समाप्त हो रहा है। इसके मद्देनजर सज्जन कुमार के आत्मसर्पण करने की संभावना है।

कोर्ट के फैसले से खुश सिख समुदाय

कोर्ट के इस फैसले से सिख समुदाय काफी खुश है। इसके साथ ही कांग्रेस पर निशाना भी साध रहे हैं। आप नेता जरनैल सिंह ने कहा कि हमें पता चला है कि कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे। यह बेहद ही शर्म की बात है कि उन्हें (सज्जन कुमार) पार्टी से निकालने की बजाए फैसले को चैंलेज करने की बात कही जा रही है।

क्या था मामला

इस मामले में 1-2 नवंबर 1984 को दिल्ली कैंट इलाके में भीड़ ने सिख समुदाय के केहर सिंह, गुरप्रीत सिंह, रघुवेन्द्र सिंह, नरेन्द्र पाल सिंह व कुलदीप सिंह को जिंदा जलाया था। वर्ष 1985 में तीन शिकायतकर्ताओं ने इस बारे में मामला दर्ज कराया था।

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