मध्य प्रदेश के मंदसौर में आठ साल की बच्ची से रेप और हत्या की कोशिश के मामले में स्पेशल कोर्ट ने दोनों दोषियों को फांसी की सजा दी है। इससे पहले कोर्ट ने इरफान और आसिफ दोनों को दोषी करार दिया था। दोषियों तक पहुंचने में सीसीटीवी फुटेज ने अहम भूमिका निभायी। कोर्ट ने 56 दिनों में ट्रायल पूरा कर आरोपियों को सजा सुनाई है।
बच्ची ने ही पिछले महीने स्पेशल कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान मुजरिम इरफान और आसिफ की पहचान की थी। पिछली 26 जून को दो युवकों इरफान और आसिफ ने स्कूल से छुट्टी के बाद बच्ची का स्कूल के बाहर से उस समय अपहरण कर लिया था जब वह स्कूल के बाहर अपने पिता का इंतजार कर रही थी। बच्ची दूसरे दिन सुबह झाड़ियों में बेहोशी की हालत में मिली थी। उसे गंभीर हालत में इंदौर के एमवाई अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
48 घंटे में की थी गिरफ्तारी
शुरूआत में बच्ची की हालत लगातार गंभीर बनी रही। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया था कि हमलावरों ने बच्ची के सिर, चेहरे और गर्दन पर धारदार हथियार से हमला किया था। इसके साथ ही, उसके प्राइवेट पार्ट्स को चोट पहुंचाई थी जिससे बच्ची को कई सर्जरी से गुजरना पड़ा लेकिन उसने अपना हौसला नहीं खोया। लंबे समय आईसीयू में भर्ती रहने के बाद पिछले महीने ही वह बाहर आई थी। पुलिस ने बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या की कोशिश के आरोप में दोनों युवकों इरफान और आसिफ को घटना के 48 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया था।
सड़कों पर उतरे थे लोग
बच्ची से रेप की इस घटना के बाद लोग भारी गुस्से में थे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों को साफ निर्देश दिया था कि दरिंदों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने में कानूनी कार्रवाई में किसी तरह की देर और चूक न हो। इस घटना के विरोध में पूरे प्रदेश में लोग सड़क पर उतरे थे। नीमच-मंदसौर और रतलाम बंद रहे। बच्ची के पिता से लेकर आम जनता तक सबने दरिंदों को फांसी देने की मांग की थी।