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मेघालय में एक और कोयला खदान हादसा, 2 मजदूरों की मौत

मेघालय में एक और अवैध खदान में हादसा हुआ है। इस हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई। हादसे के बाद से खदान...
मेघालय में एक और कोयला खदान हादसा, 2 मजदूरों की मौत

मेघालय में एक और अवैध खदान में हादसा हुआ है। इस हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई। हादसे के बाद से खदान मालिक फरार चल रहा है। वहीं, दूसरी ओर करीब तीन सप्ताह से दूसरी खदान में 15 मजदूर फंसे हुए हैं। इन मजदूरों को निकालने के लिए राहत कार्य जारी है। नेवी, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों मजदूरों को निकालने में लगी हुई है, लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है।

मेघालय में एक और अवैध खनन हादसा

दरअसल, यह हादसा पूर्वी जयंतिया हिल्स में जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूर मूकनोर के जलियाह गांव में बोल्डर के टकराने की वजह से हुआ। इस दौरान खदान में 15 मजदूर काम कर रहे थे। इस हादसे में बाकी मजदूरों को तो सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस जांच में जुट गई है। बताया जा रहा है कि यह कोयला खदान अवैध था।

मौके पर दो मजदूरों की मौत

मामले की जांच कर रही पुलिस के मुताबिक, इस हादसे की चपेट में कई मजदूर आ गए। मौके पर ही दो मजदूरों की मौत हो गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि राहत और बचाव कार्य के दौरान खदान से पानी निकलने लगा था लेकिन पंप से पानी को बाहर निकाला गया। इसके बाद बाकी मजदूरों को निकाल लिया गया।

ऐसे हुआ हादसे का खुलासा

बताया जा रहा है कि इस हादसे का खुलासा, उस वक्त हुआ जब एक फिलिप बरेह ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका भतीजा एलाद बरह (26) शुक्रवार से ही अपने घर से गायब है। जिला पुलिस प्रमुख सिलवेस्टर नोंगटनर ने बताया कि इस शिकायत के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया। हमें एलाद का शव कोयला खदान के रेट होल के सामने मिला। जब हमने खदान के अंदर सर्च ऑपरेशन चलाया तो एक और शव मिला। उसकी पहचान मोनोज बसुमतरी के रूप में हुई।

हादसे के बाद इस अवैध खदान का मालिक फरार

सिलवेस्टर नोंगटनर ने कहा कि यह हादसा उस वक्त हुआ होगा तब मजदूर कोयला निकालने की कोशिश कर रहे थे। फिलहाल इस अवैध खदान के मालिक का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

एनजीटी ने राज्य सरकार पर लगाया 100 करोड़ रु. का जुर्माना

एनजीटी ने राज्य में अवैध कोयला खनन को रोकने में नाकामयाब रहने के कारण मेघायल सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुमार्ना लगाया है। खनन मामले में एमिकस क्यूरी के तौर पर अधिकरण की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति की एक रिपोर्ट एनजीटी अध्यक्ष ए.के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दो जनवरी को पेश की गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में ज्यादातर खदान बिना लीज या लाइसेंस के चल रही हैं। एनजीटी ने पूर्वोत्तर राज्य में अवैध खनन पर लगाम लगाने में ‘निष्क्रियता’ के लिए राज्य सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। अधिवक्ता ने कहा कि सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने यह स्वीकार किया कि बड़ी संख्या में खदान गैरकानूनी तरीके से चल रही हैं।

खदान में 13 दिसंबर से फंसे हुए हैं 15 लोग

370 फुट गहरी अवैध खदान में एक नदी का पानी आ जाने के कारण 15 लोग 13 दिसंबर से फंसे हुए हैं। उन लोगों को निकालने के लिए कई एजेंसियां काम कर रही हैं। लेकिन अभी तक एक भी मजदूर के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है। वरिष्ठ अधिवक्ता राज पंजावानी ने कहा कि जुर्माने की राशि दो महीने के भीतर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में जमा करानी होगी।

14 दिसंबर की शाम को हुआ यहां पहला हादसा

14 दिसंबर की शाम को अवैध खनन के मालिक को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी तक सरकार के 50 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं।

इस मामले में क्या बोला सुप्रीम कोर्ट

गुरुवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह बचाव अभियान से संतुष्ट नहीं है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि यह बहुत गंभीर समस्या है और फंसे हुए 15 मजदूरों की जिंदगी और मौत का सवाल है। वहीं मेघालय सरकार ने जवाब में कहा, 'राज्य फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए कदम उठा रहा है। एनडीआरएफ के 72, नौसेना के 14 और कोल इंडिया के 14 जवान 14 दिसंबर से तैनात किए गए हैं। इसमें केंद्र सरकार भी उसकी मदद कर रही है।'

 

 

 

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