मध्यप्रदेश में साल 2013 में व्यापमं के जरिए हुए पुलिस कांस्टेबल भर्ती घोटाले में सभी 31 अभियुक्तों को कोर्ट ने गुरुवार को दोषी ठहराया है। कोर्ट 25 नवंबर को सजा का ऐलान करेगा। मामले में सीबीआई की ओर से 31 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। सभी आरोपी जमानत पर थे, जिन्हें फैसला आने के बाद हिरासत में भेज दिया गया है। मामले में गवाही 2014 में शुरू हुई थी।
7 जुलाई 2013 को पहली बार व्यापमं में गड़बड़ी का बड़ा खुलासा तब हुआ जब पीएमटी परीक्षा के दौरान एक गिरोह इंदौर की अपराध शाखा की गिरफ्त में आया। यह गिरोह पीएमटी परीक्षा में फर्जी विद्यार्थियों को बैठाने का काम करता था। तत्कालीन सरकार ने मामले को अगस्त 2013 में एसटीएफ को सौंप दिया।
सीबीआई को सौंप दी गई थीं जांच
हाई कोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया और रिटायर्ड जज चंद्रेश भूषण की अध्यक्षता में अप्रैल 2014 में एसआईटी गठित की। नौ जुलाई, 2015 को मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला हुआ और 15 जुलाई से सीबीआई ने जांच शुरू की। व्यापम मामले में पहली एफआईआर राजेंद्रनगर थाने में दर्ज की गई थी।