दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दूध के कुल 165 नमूनों की जांच की गई, जिसमें से 21 नमूने खराब गुणवत्ता के पाए गए। उन्होंने कहा कि जांच में विफल रहने वालों में अमूल और मदर डेयरी जैसे प्रमुख ब्रैंड के दूध भी शामिल हैं।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सत्येंद्र जैन ने कहा कि 13 अप्रैल को शुरू किए गए अभियान में घी के तीन नमूनों की भी जांच की गई, जिसमें से एक (स्थानीय ब्रांड का) हानिकारक पाया गया। जैन ने संवाददाताओं से कहा कि इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया गया था और मैंने दिल्ली में दूध के नमूनों की जांच के निर्देश दिए।
ब्रांडेड और स्थानीय उत्पाद भी शामिल
उन्होंने बताया कि हमने समूची दिल्ली से कुल 177 नमूने लिए। इसमें ब्रांडेड और स्थानीय उत्पाद भी शामिल थे। इनमें से 165 की रिपोर्ट आ गई है। उनमें से 21 नमूने (मदर डेयरी और अमूल समेत) खराब गुणवत्ता के कारण जांच में विफल रहे , लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे हानिकारक हैं।
ज्यादातर नमूनों में दूध पाउडर मिला हुआ पाया गया
'खराब गुणवत्ता' पर जैन ने कहा कि इसका दो मतलब हो सकता है, पहला मिलावटी और दूसरा वह है जो निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करता है। इस तरह के दूध हानिकारक नहीं है, लेकिन वसा जैसे कुछ मानदंडों पर खरा नहीं उतर पाते हैं। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान जांच में खरे नहीं उतर पाए ज्यादातर नमूनों में दूध पाउडर मिला हुआ पाया गया।
सभी मामले अदालत को सौंपे जाएंगे
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि ये सभी मामले अदालत को सौंपे जाएंगे और अभियान चलता रहेगा और सभी दुग्ध उत्पादों की ीको इसमें शामिल किया जाएगा।