गोरखपुर के बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कालेज में बच्चों की मौतों को लेकर बेहद दर्दनाक आंकड़े सामने आ रहे हैं। इस महीने यहां अब तक 296 बच्चों की मौत हो चुकी है। बीआरडी मेडिकल कालेज प्राचार्य डॉक्टर पीके सिंह ने पीटीआई को जानकारी दी कि कुल 296 में से 213 की नवजात सघन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में जबकि 83 बच्चों की इंसेफेलाइटिस वार्ड में मौत हुई है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर पीके सिंह ने बताया कि इस साल जनवरी से अब तक इंसेफेलाइटिस, एनआईसीयू तथा सामान्य चिल्ड्रन वार्ड में कुल 1250 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस माह 28 अगस्त तक नवजात सघन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में 26 तथा इंसेफेलाइटिस वार्ड में 11 बच्चों की मृत्यु हुई है।
डॉॅ. पीके सिंह ने मौत के आंकड़ों की जानकारी देते हुए बताया, बीआरडी अस्पताल में 27 और 28 अगस्त के दौरान 48 घंटे में 42 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें सात बच्चों की मौत इंसेफेलाइटिस यानी दिमागी बुखार से हुई है।
42 children died in 48 hours of which 7 due to #encephalitis ,rest due to other reasons:PK Singh,Principal BRD Medical College #Gorakhpur pic.twitter.com/55iPImxMjC
— ANI UP (@ANINewsUP) August 30, 2017
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर पीके सिंह ने बताया कि इस वर्ष अब तक इंसेफेलाइटिस, एनआइसीयू तथा सामान्य चिल्ड्रेन वार्ड में कुल 1250 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस माह 28 अगस्त तक एनआईसीयू में 213 और इंसेफेलाइटिस वार्ड में 77 समेत कुल 290 बच्चे मरे हैं।
माह मौतें
जनवरी - 152
फरवरी - 122
मार्च- 159
अप्रैल - 123
मई - 139
जून - 137
जुलाई - 128
अगस्त - 296
पीके सिंह का कहना है कि एनआइसीयू में ज्यादा गंभीर हालत वाले बच्चे, जिनमें समय से पहले जन्मे, कम वजन वाले, पीलिया, निमोनिया और संक्रामक बीमारियों से ग्रस्त बच्चे इलाज के लिए आते हैं, जबकि इंसेफलाइटिस से पीड़ित बच्चे भी ऐन वक्त पर इसी अस्पताल में गंभीर स्थिति में पहुचते हैं। उन्होंने कहा कि अगर बच्चे समय से इलाज के लिए आयें तो बड़ी संख्या में नवजात बच्चों की मौत रोकी जा सकती हैं।
अपर स्वास्थ्य निदेशक कार्यालय से प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ष जनवरी में एनआईसीयू में 143 और इंसेफेलाइटिस वार्ड में नौ बच्चों की मृत्यु हुई। इसी प्रकार फरवरी में क्रमशः 117 तथा पांच, मार्च में 141 तथा 18, अप्रैल में 114 तथा नौ, मई में 127 तथा 12, जून में 125 तथा 12, जुलाई में 95 एवं 33 और अगस्त माह में 28 तारीख तक 213 तथा 77 बच्चों की मौत हुई है।
गौरतलब है कि बीआरडी में पिछले 72 घंटों में 61 बच्चों की मौत हो चुकीहै। इससे पहले बीआरडी में ही 7 अगस्त से लेकर 12 अगस्त तक 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी। आरोप है कि ये मौतें हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद होने की वजह से हुईं। इस मामले में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी पूर्णिमा शुक्ला को पुलिस ने मंगलवार रात कानपुर से गिरफ्तार कर लिया था।