प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि निजी हो या सार्वजनिक क्षेत्र सफलता के लिए हर जगह एक ही मंत्र होता है। उन्होंने कहा कि जब मैं सफलता के मंत्र की बात करता हूं तब 3 ‘आइ’ की सोच सामने आती है। इसका मतलह है इंसेंटिव्स (प्रोत्साहन), इमैजिनेशन (कल्पना) और इंस्टीट्यूशन बिल्डिंग (संस्था निर्माण)।
Be it private sector or public sector, the mantra for success is the same. That mantra actually is 3 I - Incentives, Imagination & Institution Building: PM Narendra Modi at the Central Public Sector Enterprises (CPSE) Conclave in Delhi pic.twitter.com/Q0d6KQOYoS
— ANI (@ANI) April 9, 2018
नई दिल्ली में सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) के समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि निर्णय लेने की लचीली प्रक्रिया, प्रतिभा और तकनीक यानी तीन चीजें जिस संस्थान से जुड़ जाएं तो उसकी तरक्की को कोई भी नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया के निर्माण में आपकी सहभागिता 5 ‘पी’ फॉर्मूले पर चलते हुए और ज्यादा हो सकती है। ये 5 ‘पी’ हैं परफॉर्मेंस (प्रदर्शन), प्रॉसेस (प्रक्रिया), पर्सोना (व्यक्तित्व) प्रोक्युर्मेंट (प्राप्ति) और प्रीपेयर (तैयार करना)।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र ने उस समय भारतीय अर्थव्यवस्था को गति दी जब निजी क्षेत्र में सीमित संभावनाएं थी। मोदी ने कहा कि पीएसई का सही मायने में अर्थ होता है मुनाफा और समाज को फायदा पहुंचाने वाले उद्यम पैदा करना। यानी ऐसी इकाई जो ना सिर्फ शेयर होल्डरों के लिए मुनाफा कमाए बल्कि समाज के लिए फायदा भी उत्पन्न करे।
The correct meaning of PSE is - Profit and Social benefit generating Enterprise. This means it not only earns profit for shareholders but also generate benefit for the society: PM Narendra Modi at the Central Public Sector Enterprises (CPSE) Conclave in Delhi pic.twitter.com/RbPvAWi1hI
— ANI (@ANI) April 9, 2018
मोदी ने कहा कि यदि हम मूल्य प्रतिस्पर्धी हो और गुणवत्ता के प्रति संवेदनशील हों और ऐसे उत्पादन पर फोकस करें जिनके आयात की बाध्यता है और जिन्हें हम नए नवाचारों के जरिए प्रतिस्थापित कर सकते हैं तो आयात बिल में महत्वपूर्ण कमी आ सकती है।