असम के तिनसुकिया जिले में उग्रवादी संगठन उल्फा (इंडिपेंडेंट) ने एक ही परिवार के तीन सदस्यों सहित पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना में दो लोग घायल भी हुए हैं। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
उधर,हत्या कि विरोध में सभी असम बंगाली युवा छात्र संगठनों ने 12 घंटे के लिए तिनसुकिया बंद का आह्वान किया है तो टीएमसी की और से सिलीगुड़ी और कोलकाता समेत उत्तर और दक्षिण बंगाल के विभिन्न हिस्सों में रैलियों का आयोजन किया जा रहा है।
पुलिस का कहना है कि घातक हथियारों से लैस हमलावरों का दस्ता तिनसुकिया के खेरोनी गांव में ढोला-साडिया पुल के पास पहुंचा। रात करीब 8 बजे पांच से 6 लोगों को उनके घरों से निकाला गया। इसके बाद इन लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी गई। वारदात के बाद अंधेरे का फायदा उठाते हुए संदिग्ध उग्रवादी फरार हो गए। पुलिस को शक है कि इस हमले को उल्फा (इंडिपेंडेंट) गुट ने अंजाम दिया है।
हमलावरों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाईः सीएम
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मासूम लोगों की हत्या की निंदा की और शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की। उन्होंने कहा, 'इस कायरतापूर्ण हिंसा के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम इस तरह की कायराना हरकत को बर्दाश्त नहीं करेंगे।' सोनोवाल ने कहा कि उन्होंने राज्य के मंत्रियों तपन गोगोई और केशव महंत को डीजीपी कुलाधार साइकिया के साथ मौके पर जाने के निर्देश दिए हैं।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि इस घृणित अपराध के दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। सिंह ने मुख्यमंत्री सोनोवाल से बात करके हालात का जायजा लिया। पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा ने घटना की भर्त्सना की।
एनआरसी का नतीजा तो नहींः ममता
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक ट्विटर पोस्ट में सवाल किया कि कहीं यह हमला राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) से जुड़े घटनाक्रम से संबंधित तो नहीं था। उन्होंने ट्वीट किया, क्या यह हालिया एनआरसी घटनाक्रम का परिणाम है।