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सबरीमला: 72 लोग गिरफ्तार, केंद्रीय मंत्री अल्फॉन्स ने कहा- इमरजेंसी से बदतर हालात

केरल के सबरीमला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा...
सबरीमला: 72 लोग गिरफ्तार, केंद्रीय मंत्री अल्फॉन्स ने कहा- इमरजेंसी से बदतर हालात

केरल के सबरीमला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के विरोध में प्रदर्शन तेज हो गया है। रविवार देर रात मंदिर में निषेधाज्ञा तोड़ने पर 72 श्रद्धालुओं को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, सोमवार सुबह हालात का जायजा लेने पहुंचे केंद्रीय मंत्री केजे अल्फॉन्स ने कहा, इमरजेंसी से बदतर हालात हो गए हैं।  श्रद्धालुओं को आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा। श्रद्धालु आतंकी नहीं हैं, फिर 15 हजार पुलिसकर्मियों को क्यों लगाया गया है।

रविवार देर रात उस समय तनाव पैदा हो गया जब सबरीमला और उसके आसपास धारा 144 लगी होने के बावजूद श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर खाली नहीं किया और भगवान अयप्पा के भजनों का गायन शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया, जिससे हालात और बिगड़ गए। पुलिस अधीक्षक प्रतीश कुमार ने बताया कि रात 10 बजे मंदिर बंद होने के बाद उन लोगों को मंदिर परिसर खाली करने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।

थानों पर जताया विरोध

सीएम निवास पर धरना देने जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं और आरएसएस के स्वयंसेवकों को रास्ते में ही रोक दिया गया। कई थानों और आयुक्त दफ्तर के सामने विरोध जताया गया। प्रदेश के तिरुवनंतपुरम, आलप्पुषा,एर्नाकुलम, पत्तनमत्तिट्टा और कोझीकोड जिलों में प्रदर्शनकारियों में  देर रात प्रार्थना सभाएं कीं।

इस मामले पर केंद्रीय मंत्री अल्फोंस ने कहा, ‘मैं यह समझ नहीं पा रहा कि केरल पुलिस ने निषेधाज्ञा क्यों लागू की है। यह चीजों को संभालने का तरीका नहीं है। सबरीमला श्रद्धालु कट्टरपंथी नहीं हैं। आप यहां बल प्रयोग नहीं कर सकते।‘

सुप्रीम कोर्ट से मांगा वक्त

इस बीच त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश देने के उसके फैसले को लागू करने के लिए थोड़ा और वक्त देने का अनुरोध किया है।

जनवरी में बंद होगा मंदिर

शनिवार को भगवान अयप्पा के भक्तों ने पांबा से सबरीमला तक का सफर शुरू किया। इस बीच हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन भी जारी है। उधर, 41 दिनों तक चलने वाला मंडलम उत्सव मंडला पूजा के बाद 27 दिसंबर को संपन्न होगा, जब मंदिर को अथाझापूजा के बाद शाम को बंद कर दिया जाएगा। यह 30 दिसंबर को मकराविलक्कू उत्सव पर फिर से खुलेगा। मकराविलक्कू उत्सव 14 जनवरी को मनाया जाएगा और मंदिर 20 जनवरी को बंद हो जाएगा।

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