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फेसबुक की मदद से मिली 76 साल के ऑक्सफोर्ड स्नातक को छत

फेसबुक के एक पोस्ट ने दुनिया के नामी विश्वविद्यालय ऑक्सफोर्ड के स्नातक की डिग्री हासिल कर चुके 76 साल...
फेसबुक की मदद से मिली 76 साल के ऑक्सफोर्ड स्नातक को छत

फेसबुक के एक पोस्ट ने दुनिया के नामी विश्वविद्यालय ऑक्सफोर्ड के स्नातक की डिग्री हासिल कर चुके 76 साल के वृद्ध को छत मुहैया करा दी। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले राजा सिंह नाम के यह वृद्ध दिल्ली की सड़कों पर जिंदगी गुजार रहे थे। अब उन्हें गुरुनानक सुखसाला दरबार  में जगह मिल गई है।

दिल्‍ली के रहने वाले अविनाश सिंह ने अपने फेसबुक पर राजा सिंह नाम के इस व्यक्ति की दास्तान पोस्‍ट की थी। इस पोस्ट को 4700 से ज्यादा लोगों ने शेयर किया। राजा सिंह नई दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन पर खानाबदोश जीवन जी रहे थे। वह कनॉट प्लेस के सरकारी शौचालय से तैयार होकर शिवाजी स्टेडियम के निकट वीजा सेंटर पर पहुंच जाते थे। यहां वह लोगों की फॉर्म मदद करने में मदद करते थे, जिनसे इन्हें कुछ रुपये मिल जाते थे जो कभी-कभी सौ रुपये से भी ज्यादा हो जाते थे।

विदेश में बसे बच्चे नहीं करते परवाह

वह अपने भाई बीएस फुल्ल के कहने पर 1960 में भारत लौट आए थे। दोनों ने मिलकर मुंबई में मोटर पार्ट्स का बिजनेस शुरू किया। भाई की मौत के बाद बिजनेस पूरी तरह से ठप हो गया। यही नहीं उसके दोनों बेटों ने भी उसे घर से निकाल दिया। पोस्‍ट में राजा सिंह के हवाले से लिखा गया है कि मैंने अपने दोनों बेटों को विदेश में पढ़ाने के लिए बहुत मेहनत की। बच्‍चों के लिए कर्ज भी लिया. वे आज ब्रिटेन और अमेरिका में हैं और अपनी फिरंगी बीवियों के साथ अच्‍छी तरह सेटल हैं। उनके पास अपने उस पिता के लिए समय नहीं है जो राजधानी की सड़कों के किनारे जिंदगी गुजार रहा है। 

भीख मांगना मंजूर नहीं

राजा सिंह को भीख मांगना मंजूर नहीं था। ऐसे में उन्‍होंने वीजा ऑफिस के बाहर फॉर्म भरने में लोगों की मदद करना शुरू कर दिया। इस तरह उन्‍होंने अपने लिए रोटी का जुगाड़ कर लिया। राजा सिहं पक्के सिख है। पूरे जीवन वह गुरु घर से जुड़े रहे हैं। वह गुरुद्वारा बंगला साहिब में लंगर खाने नहीं जाते हैं। वह कहते हैं, ‘मैं कमाता हूं और अपना खाना खरीदता हूं। लंगर के लिए मैं सहयोग करना चाहता हूं।’ लेकिन जब उनके पास कोई काम नहीं होता तो वे पास के हनुमान मंदिर और गुरुदारा में खाने को मजबूर हो जाते हैं।

राजा सिंह को इस बात का कोई गम नहीं है कि पत्नी की मौत के बाद उनके रिश्तेदारों ने उनसे किनारा कर लिया। उन्हें सरकार से भी कोई मदद नहीं मिली है। उन्हें मोबाइल फोन तो मिल गया है पर स्थायी पता और आधार कार्ड नहीं होने के कारण उन्हें सिम नहीं मिल पाया है। वह केवल एक ही प्रार्थना करते हैं कि उन्हें भगवान उन्हें कभी भीख मांगने के लिए मजबूर नहीं करे। इस पोस्‍ट को 21 अप्रैल को पोस्‍ट किया गया था जिसमें लोगों से इस बेघर व्‍यक्ति की मदद करने की गुहार लगाई गई थी।

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