महाराष्ट्र में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है, जिसमें अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा प्रभावित नांदेड़ जिला रहा, जहां बाढ़ के कारण 9 लोगों की जान चली गई। मुंबई में एक दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हुई, जबकि अन्य जिलों में दो और लोगों ने दम तोड़ा। आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने मंगलवार को बताया कि राज्य में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण राहत और बचाव टीमें हाई अलर्ट पर हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मुंबई और इसके उपनगरों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
नांदेड़ में बादल फटने जैसी स्थिति बनी, जहां एक दिन में 206 मिमी बारिश दर्ज की गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि बाढ़ में फंसे 293 लोगों को बचाया गया, लेकिन पांच लोग अभी भी लापता हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और सेना की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। नांदेड़ के मुक्खेड़ तालुका में छह-सात गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं, और लगभग 150 पशुधन के बह जाने की आशंका है।
मुंबई में भारी बारिश के कारण जनजीवन ठप हो गया। सायन, कुर्ला, दादर और माटुंगा जैसे निचले इलाकों में जलभराव से रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ। सेंट्रल रेलवे की ट्रेनें 20-30 मिनट देरी से चल रही हैं, जबकि बीईएसटी बसों को डायवर्ट करना पड़ा। मुंबई हवाई अड्डे पर 155 प्रस्थान और 102 आगमन उड़ानें विलंबित हुईं। मिठी नदी का जलस्तर 3.9 मीटर तक पहुंच गया, जिसके चलते कुर्ला के क्रांतिनगर से 350 निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
आईएमडी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र और मॉनसून की सक्रियता के कारण अगले 48 घंटों में कोकण, मध्य महाराष्ट्र और घाट क्षेत्रों में भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। मराठवाड़ा और विदर्भ में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्थिति की समीक्षा की और स्थानीय प्रशासन को स्कूल-कॉलेज बंद करने का अधिकार दिया। मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और अन्य जिलों में स्कूल-कॉलेज मंगलवार को बंद रहे।