कुल 78 विपक्षी संसद सदस्यों (सांसदों) को आज निलंबन का सामना करना पड़ा, जिनमें से 45 राज्यसभा से और 33 लोकसभा से हैं। यह निलंबन 13 दिसंबर को संसद में सुरक्षा चूक के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग को लेकर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के बाद किया गया है।
निलंबित सांसदों में से 11 को संसद में कथित 'अनियंत्रित व्यवहार' के कारण दिन भर के लिए निलंबित कर दिया गया है, जबकि शेष को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित किया जा सकता है। इससे पहले, 14 विपक्षी सांसदों-लोकसभा में 13 और राज्यसभा में 1-को पहले ही निलंबन का सामना करना पड़ा था।इससे राज्यसभा और लोकसभा दोनों से निलंबित सांसदों की कुल संख्या 92 हो गई है।
पूरे दिन कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और विपक्षी नेताओं ने सुरक्षा उल्लंघन पर सरकारी बयान की वकालत की। उल्लंघन में दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए। लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने 'भाजपा जवाब दो, सदन से भागना बंद करो' के नारे के साथ अपनी मांगें रखीं। इसी तरह के दृश्य राज्यसभा में भी सामने आए, जिसके कारण सदन की कार्यवाही तेजी से स्थगित करनी पड़ी।
व्यवधानों के बावजूद, राज्यसभा ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023 और केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक को सफलतापूर्वक पारित कर दिया। इन विधेयकों का उद्देश्य पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व और भागीदारी बढ़ाना है। इसके साथ ही लोकसभा ने पोस्ट ऑफिस बिल भी पास कर दिया।
13 दिसंबर की घटना को लेकर दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। पार्टियों ने देश की 'सबसे सुरक्षित इमारत' में सुरक्षा चूक को संबोधित करने के लिए संसद में गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति और शेष शीतकालीन सत्र के लिए विपक्षी सांसदों के निलंबन की मांग की।