आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने रविवार को न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से जुड़े हालिया विवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उनके आवास पर कथित तौर पर नकदी मिलने से भारतीय न्यायपालिका की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा है।
संजय सिंह ने सवाल उठाया कि क्या न्यायपालिका अपनी प्रतिष्ठा बहाल करने के लिए कड़ी कार्रवाई करेगी।एक्स पर एक पोस्ट में सिंह ने कहा, "दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के घर पर नोटों के बंडल नहीं जल रहे हैं, बल्कि भारतीय न्यायपालिका की विश्वसनीयता जल रही है।
एक्स पर एक पोस्ट में संजय सिंह ने कहा, "दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के घर पर नोटों के बंडल नहीं जल रहे हैं, बल्कि भारतीय न्यायपालिका की साख जल रही है। ऐसी भी अफवाहें हैं कि नोटों के इन बंडलों का एक बड़ा हिस्सा एक सेवानिवृत्त सज्जन का है। क्या न्यायपालिका इस मामले में सख्त कार्रवाई करके खुद पर लगे दाग को धोने की कोशिश करेगी?"।
उनकी यह टिप्पणी न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना के बाद आई है, जिसमें बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच शुरू की थी।सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय ने बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय द्वारा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा से जुड़े विवाद पर दायर जांच रिपोर्ट जारी की।
सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का जवाब भी जारी किया, जिन्होंने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि यह स्पष्ट रूप से उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश प्रतीत होती है।
न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य द्वारा उस स्टोररूम में कभी भी कोई नकदी नहीं रखी गई, तथा उन्होंने कहा कि वे इस बात की कड़ी निंदा करते हैं कि कथित नकदी उनकी है।
उन्होंने बताया कि जिस कमरे में आग लगी थी और जहां कथित तौर पर नकदी मिली थी, वह एक बाहरी भवन था, न कि मुख्य भवन जहां न्यायाधीश और उनका परिवार रहता है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को निर्देश दिया कि वे भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के निर्देश पर कार्य करते हुए अपने फोन पर सभी संचार को संरक्षित रखें।