नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के संबंध में अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को ‘असंवैधानिक’ घोषित करने के संबंध में निर्देश जारी करे। उच्चतम न्यायालय में यह याचिका पार्टी के नेता मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी ने दायर की है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन को चार अगस्त की रात को नजरबंद कर लिया गया था। इसके अगले दिन सरकार ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 के पहले खंड को छोड़कर बाकी के खंड को समाप्त करने और राज्य को दो हिस्सों में बांटकर केंद्रशासित प्रदेश बनाने के प्रस्ताव को पेश किया था। इसे उसी दिन ऊपरी सदन की मंजूरी मिल गई थी। छह अगस्त को इस बिल को लोकसभा से भी मंजूरी मिल गई।
सुप्रीम कोर्ट ने किया था सुनवाई से इनकार
इससे पहले आठ अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा था कि अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर नियत समय में सुनवाई होगी। यह याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की थी।
‘मामले को उचित पीठ के सामने रखा जाएगा’
न्यायमूर्ति एनवी रमाना की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा था, 'मामले को सूचीबद्ध करने के लिए उचित पीठ के समक्ष रखा जाएगा। यानी इसे भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा।' व्यक्तिगत रूप से याचिका दायर करने वाले वकील मनोहर लाल ने अपने मामले का उल्लेख करते हुए पीठ से इसे 12 या 13 अगस्त को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था।