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फर्जी डिग्री मामला: ABVP ने कहा, अंकिव बैसोया को निकाला नहीं सस्पेंड किया गया

फर्जी मार्कशीट मामले में नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) के निशाने पर आए दिल्ली छात्रसंघ...
फर्जी डिग्री मामला: ABVP ने कहा, अंकिव बैसोया को निकाला नहीं सस्पेंड किया गया

फर्जी मार्कशीट मामले में नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) के निशाने पर आए दिल्ली छात्रसंघ के अध्यक्ष और विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता अंकिव बैसोया को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने बाहर कर दिया है।

 

हालांकि एक ताजा बयान जारी करते हुए एबीवीपी ने कहा कि डूसू के अध्यक्ष अंकिव बैसोया को सस्पेंड किया गया है, निकाला नहीं गया है जैसाकि इससे पहले जारी किए गए बयान में कहा गया है।

अंकिव बैसोया पर बड़ी कार्रवाई करते हुए एबीवीपी ने अंकिव को उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच पूरी होने तक के लिए हटाया है, साथ ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने के लिए भी कहा है। इसके साथ-साथ संगठन की सभी जिम्मेदारियों से भी उन्हें मुक्त कर दिया गया है।

अंकिव बसोया की डिग्री मामले में सोमवार को हुई थी सुनवाई

इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) अध्यक्ष अंकिव बैसोया की डिग्री मामले में सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी, यह याचिका एनएसयूआई की तरफ से दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान डीयू ने जांच के लिए कोर्ट से एक सप्ताह का और समय मांगा। अब अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी।

अपने विषय ही भूल गए अंकिव बसोया

एनएसयूआई शुरू से ही अंकिव बैसोया की बैचलर की डिग्री को फर्जी बताया है और डीयू के वाइस चांसलर को खत लिख उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं, दूसरी ओर बैसोया ने इस पूरे विवाद को विपक्ष की चाल बताया था। हालांकि आरोप के बाद एक बार जब उनसे उनके बैचलर्स के विषयों के बारे में पूछा गया, तो बसोया को कुछ याद नहीं रहा।

भाजपा और एबीवीपी के दबाव में काम कर रही है विश्वविद्यालय प्रशासन 

वहीं, कई छात्र संगठनों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन भाजपा और एबीवीपी के दबाव में काम कर रही है। यही वजह है कि डूसू चुनाव के नतीजे आने के दो महीने बाद भी फर्जी डिग्री की जांच का मामला सुलझाया नहीं जा सका है।

जानें पूरा मामला

दरअसल, कुछ दिनों पहले ही एनएसयूआई ने बैसोया की स्नातक की डिग्री को फर्जी बताया था और तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने तमिलनाडु के शिक्षा प्रधान सचिव को लिखित में कहा है कि अंकिव बैसोया ने उनके यूनिवर्सिटी में कभी दाखिला लिया ही नहीं।

वहीं, अंकिव ने तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी की यह अंडर ग्रेजुएट की डिग्री दिल्ली यूनिवर्सिटी के एमए प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए दी थी। फर्जी डिग्री को लेकर विवाद बढ़ने के बाद डीयू ने जांच के आदेश दिए हैं। बैसोया ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की तरफ से डूसू चुनाव लड़ा था और उसमें जीत हासिल की थी।

 

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