भले ही उनके चेहरे और शरीर पर तेजाब हमले के निशान हों, जो रह-रहकर इन हमलों की उन्हें टीस देते हों। लेकिन इन सबके बावजूद ये तमाम बाधाएं इन महिलाओं को इस वेदना से उबरने और समाज में सम्मानजनक रुतबा हासिल करने की उनकी इच्छाशक्ति को रोक नहीं पाईं।
पीटीआई के मुताबिक, इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए संवेदना जगाने और तेजाब की अवैध बिक्री के खिलाफ जागरूकता फैलाने के इरादे से तेजाब हमले में बचीं कई महिलाओं ने कल एक फैशन शो के दौरान रैम्प पर उतरकर लोगों को यह संदेश देने की कोशिश की।
तेजाब हमले में बची एवं महिला अधिकारों की आवाज उठाने वाली टीवी प्रस्तोता लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा कि उनके ये निशान समाज की संकीर्ण सोच की याद दिलाते रहेंगे लेकिन जिंदा रहने के लिये उनका दृढ़संकल्प उन्हें हर दिन इसके लिए प्रेरित करता है।
महिला दिवस की पूर्व संध्या पर विवियाना मॉल में आयोजित इस फैशन शो के दौरान लक्ष्मी मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने कहा, ‘‘एक तेजाब हमला पीड़ित के तौर पर शून्य से शुरुआत करना चुनौतीपूर्ण था और रहा है। अगर आपके शरीर का एक हिस्सा अंदर से जल गया हो तो किसी चीज पर ध्यान केंद्रित कर पाना मुश्किल होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘एक महिला होने का हमें गर्व है और कोई भी इसे हमसे छीन नहीं सकता। नारीत्व प्रेम और शांति का प्रतीक है।’