मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) का कहर थम नहीं रहा है। इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आकर अब तक 84 बच्चों की मौत हो चुकी है और मरने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। नए मरीजों का भर्ती होना भी जारी है। उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) में 24 घंटे के अंदर 16 और बच्चों की मौत हो गई। वहीं तीन बच्चों की मौत पूर्वी चंपारण में होने की बात कही जा रही है। इस तरह, मुजफ्फरपुर व आस-पास के इलाकों में अब तक 83 बच्चों की मौत हो गई है।
नेताओं का दौरा जारी
प्रशासन के साथ ही नेताओं का लगातार दौरा भी जारी है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन पहुंचे। इसके पहले शुक्रवार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मुजफ्फरपुर गए थे तो शनिवार को राजद की टीम के बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय भी मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों के अलावा स्थानीय प्रशासन व पीड़ित परिवारों से बात की। उन्होंने चिकित्सा सुविधा में किसी प्रकार की कमी नहीं होने का निर्देश दिया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार सहायता के लिए पूरी तरह से तत्पर है। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि आगे से इस प्रकार की बीमारी नहीं फैले और बच्चों को बचाया जाए। इसके पहले वे पटना में कहा कि एईएस को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। केंद्र हर स्तर पर मदद कर रहा है।
इन अस्पतालों में सबसे अधिक मौतें
इस मौसम में बच्चों की सर्वाधिक मौत एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में हुई है। वहीं स्वास्थ्य सचिव ने मीडिया को बताया कि मुजफ्फरपुर के दोनों अस्पतालों में अधिकृत रूप से शनिवार की सुबह तक 69 बच्चों की मौत हुई थी। इसमें एसकेएमसीएच में 58 तथा केजरीवाल अस्पताल में 11 बच्चों की मौत शामिल है। वहीं मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. शैलेश प्रसाद सिंह ने भी एसकेएमसीएच का जायजा लिया। इस दौरान वे मरीजों के परिजनों से मिले। पूर्वी चंपारण में तीन और वैशाली में पांच बच्चों की मौत हुई है। वहीं शनिवार की सुबह तक 234 नए बच्चों को भर्ती कराया गया है। इस सीजन में सोमवार (10 जून) को स्थिति सबसे भयावह रही। उस दिन 23 बच्चों की मौत हुई थी।
राजद की टीम ने किया था दौरा
शनिवार की सुबह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की टीम बीमारी व पीड़तों का जायजा लेने मुजफ्फरपुर पहुंची। टीम में प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के अलावा पूर्व मंत्री राम विचार यादव, विधायक सुरेंद्र यादव व अन्य पदाधिकारी शामिल रहे। टीम सबसे पहले एसकेएमसीएच पहुंची। पूर्वे ने एसकेएमसीएच के अधीक्षक से मुलाकात की और बीमारी के बारे में जाना। मरीजों के लिए सरकार की ओर से क्या व्यवस्था की गई है, उसके बारे में उन्होंने जानकारी ली। बाद में पूर्वे ने मीडिया को बताया कि बिहार सरकार बीमारी रोकने के मामले में पूरी तरह फेल है। इस मामले को राजद विधानसभा में उठाएगा।
मंगल पांडेय ने किया दौरा
शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने एसकेएमसीएच में एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से पीड़ित बच्चों का जायजा लिया। साथ ही चिकित्सकों व प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें इलाज से जुड़ी समस्या व आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि बच्चों को बेहतर इलाज चल रहा है। मरीजों के परिजन भी इससे संतुष्ट हैं। वहीं एईएस पीड़ित बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए एसकेएमसीएच के अन्य विभागों की आइसीयू को पीआइसीयू में बदलकर इलाज की व्यवस्था की गई है। सदर अस्पताल में भी 10 व केजरीवाल में 15 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई है। एसकेएमसीएच को छह अतिरिक्त एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई है। केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर जागरूकता अभियान में तेजी लाई जाएगी। गांव-गांव में आशा, एएनएमके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा।
केंद्रीय जांच टीम आई मुजफ्फरपुर
बता दें कि बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की डॉक्टरों की केंद्रीय जांच टीम डॉक्टर अरुण कुमार सिन्हा के नेतृत्व में मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच पहुंची। टीम में डॉ. गोयल, डॉ. पूनम, पटना एम्स के डॉ. लोकेश और एनसीडीसी पटना के डॉ. राम सिंह शामिल थे।