आडवाणी आरएसएस से जुड़े रहे थे।
आडवाणी ने कहा, मैंने ऐसा कोई संगठन नहीं देखा है जिसका नेतृत्व मुख्य रूप से महिलाएं करती हैं। यह अद्भुत है। मैं एक संगठन से वर्षों से जुड़ा रहा हूं और सम्मान करता हूं। मुझसे जो कोई मिलने आता है, उन्हें उस संगठन का अनुसरण करने को कहता हूं।
89 वर्षीय नेता ने कहा, यह काफी कठिन है, आसान नहीं है। जिस संगठन की मैं बात कर रहा हूं, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है जिसमें मुख्यरूप से बालपन में लड़के शामिल होते हैं। महिलाओं की भी थोड़ी उपस्थिति है।
प्रजापति ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक आध्यात्मिक गुरू पिताश्री ब्रह्मा के 48वें अधिरोहण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात पर खेद प्रकट किया कि कराची, भारत का हिस्सा नहीं है और सिंध के बिना भारत अधूरा लगता है।
आडवाणी का जन्म एक सिंधी परिवार में हुआ था।
उन्होंने कहा, कभी-कभी मैं महसूस करता हूं कि कराची और सिंध अब भारत का हिस्सा नहीं रहे। मैं बचपन के दिनों में सिंध में आरएसएस में काफी सक्रिय था। मेरा मानना है कि सिंध के बिना भारत अधूरा है।
भाषा