महानगरों की लाइफस्टाइल को कॉपी करने की कोशिश और तकनीक के बढ़ते दखल से आजकल बच्चों की दुनिया भी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के फ्लैट और मोबाइल तक सीमित होने लगी हैं। घर में बच्चों का ज्यादातर समय मोबाइल पर और टीवी के सामने गुजरता है, तो वहीं स्कूल में उनकी दुनिया क्लासरूम और कैंपस की चारदीवारी के अंदर सीमित रह जाती है। हालांकि बच्चों के बेहतर विकास के लिए उन्हें पढ़ाई के अलावा स्कूल कैंपस में खेल गतिविधियां भी करवाई जाती हैं, लेकिन बदलते समय में उनका दायरा बेहद छोटा हो जा रहा है। शहरों में अगर बच्चे पैरेंट्स के साथ आउटिंग पर निकलते भी हैं, तो भी आसपास के पार्क, मॉल और सिनेमाघर तक ही पहुंच पाते हैं।
दिल्ली के पूसा रोड स्थित स्प्रिंगडेल स्कूल की प्रिंसिपल माला गुप्ता बताती हैं कि उनके स्कूल के बच्चों ने रॉक स्पोर्ट के एडवेंचर कैंप में हिस्सा लेकर काफी कुछ सीखा है। आउटडोर एक्टिविटीज और एडवेंचर स्पोर्ट्स से बच्चों की पर्सनॉलिटी डेवलप हो रही है। ऐसे में स्कूलों की भूमिका बेहद अहम हो जाती है। उनकी यह जिम्मेदारी हो जाती है कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा आउटडोर एक्टिविटीज कराई जाएं, ताकि उनका मानसिक और शारीरिक विकास तेजी से हो सके। इसी जरूरत को देखते हुए आजकल बच्चों के लिए एडवेंचर एक्टिविटी काफी अहम और जरूरी हो गई हैं। इसके तहत बच्चों को आउटडोर एक्टिविटी के लिए स्कूल से बाहर ट्रिप पर ले जाया जाता है और उनके समग्र विकास के लिए तरह-तरह की गतिविधियां कराई जाती हैं। एडवेंचर कैंप के लिए कई बार स्कूलों की ओर से ही सारा इंतजाम किया जाता है, लेकिन ज्यादातर स्कूल इसके लिए एक्सपर्ट सर्विस प्रोवाइडर की मदद लेते हैं, जिनके पास बच्चों को प्रशिक्षित और गाइड करने के लिए प्रोफेशनल्स की टीम होती है और सारी सुविधाओं और जरूरतों से युक्त जगह भी होती है।
आमतौर पर स्कूल और क्लासरूम में बच्चे सिर्फ दिमागी लर्निंग के बारे में जानते हैं, लेकिन उनके समग्र विकास के लिए बहुत सारे डेवलपमेंट जरूरी हैं। एडवेंचर कैंप के जरिये उनकी इसी जरूरत को पूरा किया जाता है। ट्रैकिंग, रेस, वाल क्लाइबिंग, कमांडो क्लाइंबिंग, रोप कोर्स, शूटिंग, आर्चरी और कैंपिंग जैसी तमाम एक्टिविटीज से उनका शारीरिक और मानसिक विकास होता है और ये सभी एक्टीकविटीज रॉक स्पोऔर्ट के तहत कराई जा रही हैं। इस तरह की गतिविधियों से उनके अंदर खुद को संभालने, सुरक्षित रखने और निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। प्रकृति के बीच खुली जगह पर समय बिताने से उनकी दूर की नजर डेवलप होती है, क्योंकि घर और क्लासरूम में उसकी नजरें सिर्फ मोबाइल या फिर ब्लैकबोर्ड तक की दूरी ही तय कर पाती हैं।
एडवेंचर कैंप में बच्चों को सिखाया जाता है कि मुश्किल के समय अपना बचाव करने के लिए उन्हें क्या करना है। जैसे आग लगने की स्थिति में अपना बचाव करना, बिना पुल के नदी पार करना, पहाड़ों पर चढ़ना, शूटिंग सीखना, ग्रुप डिस्कशन करना और अन्य गतिविधियों में भाग लेना। ऐसे आयोजनों से बच्चों का उत्साह बढ़ता है और उनको कुछ नया समझने और सीखने का भी मौका मिलता है। इन गतिविधियों के माध्यम से यह भी पता चलता है कि बच्चे में पढ़ाई के अलावा और किस तरह की विशेष प्रतिभा है, जिसे बढ़ावा देकर उसका सर्वांगीण विकास हो सकता है।