आंध्र प्रदेश की नायडू सरकार के बाद अब पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने भी सीबीआई को दी गई 'सामान्य रजामंदी' वापस ले ली। ममता बनर्जी ने नायडू को अपना समर्थन जताते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य में किसी तरह की जांच या ऑपरेशन के लिए पहले उसे राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी।
पश्चिम बंगाल में साल 1989 में तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार ने सीबीआई को छापे मारने और जांच करने की सामान्य रजामंदी दी थी। सरकार ने दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिश्मेंट ऐक्ट 1946 के तहत उस आम सहमति को वापस ले लिया है जो दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट के सदस्यों को सूबे के भीतर अपनी शक्तियों और अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने के लिए दी गई थी।
इससे पहले, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इसकी घोषणा की थी। अब सीबीआई आंध्र प्रदेश और पश्चिम की सीमाओं के भीतर किसी मामले में सीधे दखल नहीं दे सकती है। राज्य सरकार ने अब सीबीआई की अनुपस्थिति में सर्च, रेड या जांच का काम ऐंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से कराने का फैसला लिया है।
नायडू ने लगाए थे केन्द्र पर गंभीर आरोप
मार्च में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से संबंध तोड़ने के बाद से नायडू आरोप लगाते रहे हैं कि केंद्र सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने में कर रहा है। कुछ कारोबारी प्रतिष्ठानों पर आयकर अधिकारियों के हालिया छापे से नायडू बहुत नाराज हैं क्योंकि इनमें से कुछ प्रतिष्ठान राज्य की सत्तारूढ़ टीडीपी के करीबियों के हैं। बाद में उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार छापा मारने वाले आयकर अधिकारियों को पुलिस सुरक्षा मुहैया नहीं कराएगी।