जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने कन्हैया कुमार के बाद अब उमर खालिद को भी तात्कालिक राहत प्रदान की है। बुधवार को हाईकोर्ट ने इसी मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को भी तात्कालिक राहत प्रदान की थी। हाई कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन समेत अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करते हुए फिलहाल दोनों के खिलाफ कार्रवाई से रोक लगा दी है।
‘20 जुलाई तक उमर के खिलाफ कोई निरोधात्मक कार्रवाई न करें’
हाईकोर्ट ने बुधवार को जेएनयू को निर्देश दिया कि वो उमर खालिद के खिलाफ 20 जुलाई तक कोई निरोधात्मक कार्रवाई नहीं करें। इस मामले पर अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी। कन्हैया कुमार और उमर खालिद ने जेएनयू के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
जेएनयू की उच्चस्तरीय समिति ने की थी जुर्माने की सिफारिश
गौरतलब है कि संसद भवन पर 13 दिसंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले के मामले में फांसी पर चढ़ाए गए अफजल गुरु की तीसरी बरसी पर जेएनयू में 9 फरवरी 2016 को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जेएनयू की उच्चस्तरीय समिति ने 2016 में 9 फरवरी को कथित तौर पर भारत विरोधी नारेबाजी किए जाने की घटना के सिलसिले में खालिद और कुमार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी।
छात्रों ने खटाखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा
समिति ने घटना के सिलसिले में उमर खालिद को विश्वविद्यालय से निष्कासित करने और अनुशासन का उल्लंघन करने के लिए 13 अन्य छात्रों पर जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी। इस फैसले के खिलाफ छात्रों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
हाईकोर्ट ने कहा था कि मामले को अपीलीय प्राधिकार के पास ले जाएं, जो समिति के फैसले की समीक्षा करेगी। पिछले 5 जुलाई को जेएनयू ने घोषणा की कि समिति ने खालिद और कुमार के खिलाफ अपने फैसले को बरकरार रखा जबकि कुछ मामलों में जुर्माने की रकम घटा दी गई है।