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अगस्ता वेस्टलैंड मामले में मिशेल के बाद राजीव सक्सेना और दीपक तलवार को लाया गया भारत

अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल के बाद जांच एजेंसियों के हाथ...
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में मिशेल के बाद राजीव सक्सेना और दीपक तलवार को लाया गया भारत

अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल के बाद जांच एजेंसियों के हाथ एक और कामयाबी हाथ लगी है। इसी मामले में दो और आरोपियों राजीव सक्सेना और दीपक तलवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से देर रात भारत वापस लाया गया है। भारत पहुंचते ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।

पिछले साल दिसंबर में संयुक्त अरब अमीरात की सरकार ने प्रत्यर्पण के जरिये ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को भारत को सौंपा था। क्रिश्चियन मिशेल ने 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में बिचौलिये की भूमिका निभाई थी।

कोर्ट ने जारी किया था गैर-जमानती वारंट

इससे पहले दुबई में बसे कारोबारी राजीव सक्सेना की जमानत याचिका के जवाब में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल दिसंबर में अदालत को बताया था। बार-बार कहे जाने के बाद भी आरोपित जांच में शामिल नहीं हुआ। दुबई से उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया था। पिछले साल छह अक्टूबर को दिल्ली की एक अदालत ने राजीव सक्सेना के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। सक्सेना का नाम उसकी पत्नी शिवानी के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में आया है। उसकी पत्नी को ईडी ने गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल जमानत पर है।

मनी लॉड्रिंग का है आरोप

राजीव सक्सेना और उनकी पत्नी शिवानी अगस्ता वेस्टलैंड मामले में आरोपी हैं। दोनों दुबई की एक कंपनी  के निदेशक हैं। प्रवासी भारतीय राजीव सक्सेना मॉरीशस की एक कंपनी इंटरसेलर टेक्नोलॉजिज लिमिटेड के निदेशक और शेयरहोल्डर हैं। आरोप है कि इस कंपनी का हेलीकॉप्टर डील में लांड्रिंग करने में इस्तेमाल किया गया। 

वहीं, दीपक तलवार पर भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। उन पर उनके एनजीओ के जरिए 90 करोड़ रुपये से ज्यादा के फंड का दुरुपयोग करने के आरोप हैं। उन पर फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए)  के उल्लंघन के आरोप हैं। दीपक तलवार दुबई फरार हो गए थे।

वहीं, सक्सेना के वकीलों ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ यूएई में कोई प्रत्यर्पण कार्यवाही शुरू नहीं हुई और उन्हें भारत भेजे जाने के समय अपने परिवार या वकीलों से मिलने नहीं दिया गया।

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