दिल्ली की एक अदालत ने न्यूयॉर्क से नयी दिल्ली आ रही एयर इंडिया की उड़ान में एक महिला सहयात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा की जमानत याचिका पर अपना आदेश सोमवार को 31 जनवरी तक सुरक्षित रख लिया।
पुलिस ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा है कि इस घटना से भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी हुई है। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह शर्मनाक हो सकता है लेकिन यह अलग मामला है, इसमें मत पड़िए। देखते हैं कि कानून इससे कैसे निपटता है।’’
न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा नामित गवाह ‘‘आपके (पुलिस के) पक्ष में गवाही नहीं दे रहे हैं’’। पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता को धमकी दी थी। मिश्रा ने जमानत का अनुरोध करते हुए कहा था कि जांच लंबित होने के कारण शुरू में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने जमानत खारिज कर दी थी।
वकील ने कहा, ‘‘अब यह सब हो गया है और उन्होंने चालक दल के अन्य सदस्यों और गवाहों से जिरह की है। साथ ही उन्होंने टिकट के पैसे की भरपाई के लिए कहा है और खुद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का अनुरोध किया है।’’