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अल फलाह समूह के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी को 13 दिन की ईडी हिरासत में भेजा गया

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार सुबह अल फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक जवाद अहमद सिद्दीकी को 13 दिन के लिए...
अल फलाह समूह के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी को 13 दिन की ईडी हिरासत में भेजा गया

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार सुबह अल फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक जवाद अहमद सिद्दीकी को 13 दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया।

आतंकवाद से जुड़े धन शोधन मामले में मंगलवार शाम गिरफ्तार किए गए सिद्दीकी को आधी रात के करीब अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शीतल चौधरी प्रधान के आवास पर उनके सामने पेश किया गया। कार्यवाही रात एक बजे तक चली।

 

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘दलीलों पर ध्यानपूर्वक विचार करने के बाद मेरी राय है कि पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) की धारा 19 के तहत सभी अनुपालन किए गए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अपराध की गंभीरता और जांच के प्रारंभिक चरण को देखते हुए, मैं यह उचित समझती हूं कि आरोपी को 13 दिन की अवधि के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया जाए।’’

ईडी ने आरोप लगाया है कि अल फलाह विश्वविद्यालय ने झूठा दावा किया है कि वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय है और उसने अपनी राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) मान्यता की स्थिति को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है।

एनएएसी भारत के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा वित्त पोषित एक स्वायत्त निकाय है जो देश में उच्च शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन और उन्हें मान्यता प्रदान करता है।

ईडी ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय ने 2018-2025 वित्त वर्ष में 415.10 करोड़ रुपये का शैक्षणिक राजस्व अर्जित किया, जिसमें 2018 के बाद हर साल ‘‘भारी वृद्धि’’ देखी गई। एजेंसी ने कहा कि विश्वविद्यालय ने 2018-2019 में 24.21 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो 2024-2025 में बढ़कर 80.10 करोड़ रुपये हो गया।

एजेंसी ने कहा, ‘‘यह सच है कि 1990 के दशक से पूरे अल फलाह समूह में जबरदस्त वृद्धि हुई है और यह एक बड़े शैक्षिक निकाय के रूप में विकसित हुआ है। हालांकि, विभिन्न संस्थाओं की वित्तीय स्थिति समूह द्वारा संचित विशाल संपत्ति के साथ मेल नहीं खाती।’’

ईडी की ओर से अदालत में पेश हुए विशेष अभियोजक साइमन बेंजामिन ने कहा कि उनकी जांच में पाया गया कि लोगों से ठगी और छात्रों की फीस से हासिल धनराशि का इस्तेमाल व्यक्तिगत और निजी उपयोग के लिए किया जा रहा था।

उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न व्यक्तियों ने स्वीकार किया है कि वित्तीय निर्णय गिरफ्तार आरोपी द्वारा लिए गए थे।’’ उन्होंने 14 दिन की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि अपराध की पूरी रकम का पता लगाने के लिए आरोपी (सिद्दीकी) से हिरासत में पूछताछ आवश्यक है।

एजेंसी ने कहा, ‘‘आरोपी अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक और प्रबंध न्यासी तथा नियंत्रक के पद पर बना हुआ है तथा अल-फलाह विश्वविद्यालय और उसके संस्थानों पर वास्तविक प्रभाव रखता है।’’

बेंजामिन ने कहा कि आरोपी संबंधित संस्थाओं या व्यक्तियों को धन हस्तांतरित कर सकता है, गिरवी रख सकता है और धन का पुनर्निर्देशन कर सकता है, ताकि उसकी संपत्ति प्रवर्तन एजेंसियों की पहुंच से बाहर हो जाए। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए उसकी गिरफ्तारी आवश्यक हो जाती है।

सिद्दीकी को दिन भर की तलाशी के बाद मंगलवार शाम को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में ले लिया गया।

अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने मंगलवार को लाल किला विस्फोट मामले से जुड़े मामले में फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय के न्यासियों और प्रवर्तकों के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर में एक साथ छापेमारी के बाद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया। ईडी ने अल फलाह ट्रस्ट और विश्वविद्यालय के 19 परिसरों की तलाशी के दौरान लगभग 48 लाख रुपये नकद जब्त किए।

 

 

 

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