उत्तराखंड के चमोली जोशीमठ तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने के बाद ऋषि गंगा जल विद्युत परियोजना का बांध टूटने के बाद बाढ़ के हालात पैदा हो गए, जिसके बाद चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में हाई अलर्ट जारी किया गया। हर की पौड़ी पर आज घाटों को खाली कराया गया जबकि जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क बना हुआ है। लगातार हालातों पर नजर रखी जा रही है जबकि उत्तराखंड शासन के तमाम आला अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है।
रुद्रप्रयाग में सुबह से ही प्रशासन ने नदी किनारे की आबादी को खाली करवा दिया था, हालांकि शाम के 5ः30 बजे बाद भी बाढ़ का पानी रुद्रप्रयाग नहीं पहुंच पाया। सूत्रों की माने तो बाढ़ का जल स्तर सामान्य है और किसी भी तरीके से जन सामान्य को नुकसान पहुंचने की आशंका नहीं है।
एहतियात के तौर पर हालांकि रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी के किनारे वाली आबादी को प्रशासन द्वारा खाली करवाया जा चुका है और सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने बताया कि राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है उन्होंने बताया कि अब तक मलबे से चार शव बरामद हुए हैं पूरा प्रशासन राहत और बचाव कार्य में लगा हुआ है। उधर टिहरी की जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट ने बताया कि कि देवप्रयाग मुनी की रेती आदि क्षेत्रों में अलर्ट कर दिया गया है पुलिस प्रशासन लोगों को गंगा नदी के किनारे से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं
रैणी गांव मे गलेशियर आने से मोटर पुल बह जाने के कारण नीति घाटी के नौ से 10 गांवों का सडक संपर्क टूट गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने रैणी मे आपदा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए कहा कि हमारी कोशिश रहेगी जो लोग फंस गए है उन तक जल्द से जल्द मदद पहुंचायी जाएगी।
वहीं टिहरी बांध के अलावा श्रीनगर जल विद्युत परियोजना से जल की पूरी क्षमता के साथ आपूर्ति की जा रही है जिसके कारण भीमगोड़ा बेराज पर सभी 22 गेट खोल दिए गए हैं ताकि हरिद्वार में जल पहुंचने के बाद उसकी निकासी हो सके और भीमगोड़ा बांध पर उसका प्रभाव ना पड़े। हालांकि हरिद्वार में स्थिति सामान्य बनी हुई है।
जिलाधिकारी सी रविशंकर का कहना है जिले में स्थिति सामान्य है एसडीआरएफ को निचले इलाकों में तैनात कर दिया गया है जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा सभी घाटों के पास रहने वाले लोगों को वहां से हटा दिया गया है निचले इलाकों के गांवों में भी लोगों को नदी तटीय इलाकों को खाली करने के लिए लगातार चेतावनी जारी की जा रही है ।