राजधानी में चल रही सीलिंग के मुद्दे पर बुधवार को मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्यों के साथ भाजपा, आदमी पार्टी के नेताओं ने मुलाकात की और दिल्ली के कारोबारियों के हित में तत्काल रोकने की मांग की लेकिन कमेटी ने कोई आश्वासन नहीं दिया।
दिल्ली सचिवालय में आयोजित सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी और कैबिनेट मंत्रियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य भूरेलाला और के जी राव भी मौजूद थे। हालाकि पहले भाजपा ने शिरकत करने से इंकार कर दिया था लेकिन बाद में भाजपा ने हामी भर दी। कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने इससे पहले 13 मार्च को सर्वदलीय बैठक में शिरकत की थी लेकिन इस बार वह नहीं आए। इस बैठक का तब भाजपा ने बहिष्कार किया था। बता दें कि दिल्ली में सीलिंग अभियान की शुरुआत पिछले साल दिसम्बर में सुप्रीम कोर्ट की मानिटरिंग कमेटी के निर्देश पर हुई थी। दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 के प्रावधानों के तहत कन्वर्जन शुल्क ने दिए जाने के कारण कार्मिशयल परिसरों, दुकानों और रेस्तरां को सील किया जा रहा है। कमेटी के सदस्यों ने सभी दलों के नेताओं की शिकायतों को सुना।
बैठक के बाद मनोज तिवारी ने कहा, हम सभी चाहते हैं कि दिल्ली सीलिंग को लेकर चल रही अफरा तफरी खत्म हो और इस पर तत्काल रोक लगाई जाए लेकिन मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्यों ने कुछ नहीं कहा। आप के दिल्ली के प्रवक्ता ने बताया कि कमेटी ने कहा है कि शहरीकृत गांवों, अनधिकृत कालोनियों और गावों की दुकानों को सील नहीं किया जा रहा है क्योंकि यह एनसीआर के विशेष कानून से संरक्षित हैं। कमेटी के सदस्यों आप और अन्य दलों के नेताओं द्वारा सीलिंग पर की गई शिकायतों पर आश्चर्य जताया। उन्होंने साफ किया कि विशेष कानूनों से संरक्षित दुकानों की सीलिंग नहीं की जा रही है। सभी दलों ने इस बात पर सहमति जताई कि बेहतर वकील की सेवाएं लेकर केंद्र, दिल्ली सरकार और नगर निगम सुप्रीम कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखेंगी। कांग्रेस के अमन पवार ने कहा, 2006-07 में भी शीर्ष वकील की सेवाएं लेकर सीलिंग पर रोक लगाई गई थी।